COP30 में स्पष्ट संदेश दिया गया कि प्राकृतिक रबर भविष्य की जलवायु रणनीति और नेट-जीरो लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है, लेकिन इसके लिए छोटे किसानों को मजबूत समर्थन और सही नीतियों की जरूरत होगी।
ब्राजील में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP30) में हुए एक विशेष कार्यक्रम में प्राकृतिक रबर की भूमिका पर जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि प्राकृतिक रबर सिर्फ एक महत्वपूर्ण कच्चा माल ही नहीं है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में एक मजबूत समाधान भी है। यह वैश्विक नेट-जीरो लक्ष्य हासिल करने में मदद कर सकता है।
यह कार्यक्रम “Promoting Smallholder Projects for Net-Zero and Beyond” नाम से आयोजित किया गया था। इसे Association of Natural Rubber Producing Countries (ANRPC) और International Rubber Research and Development Board (IRRDB) के समर्थन से आयोजित किया गया। American Forest Foundation (AFF) भी सह-आयोजक रही।
प्राकृतिक रबर उत्पादन
ANRPC की लेक्श्मी नायर ने कहा कि प्राकृतिक रबर उत्पादन में छोटे किसान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें सही तकनीक, वित्तीय सहायता और साझेदारी की जरूरत है, ताकि वे जलवायु परिवर्तन के मुकाबले में योगदान दे सकें।
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प्राकृतिक रबर
मुख्य वक्ताओं में सत्य त्रिपाठी, जो Global Alliance for a Sustainable Planet के महासचिव हैं, ने कहा कि निजी क्षेत्र को जलवायु सुरक्षा के लिए निवेश बढ़ाना चाहिए। वहीं निसार मारिसी (इंडोनेशिया के राष्ट्रीय विकास मंत्रालय से) ने बताया कि प्राकृतिक रबर क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने, नियमों का पालन मजबूत करने और वैल्यू चेन को बेहतर बनाने की जरूरत है ताकि यह उद्योग जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप टिकाऊ बन सके।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।