कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार खरीफ फसलों की बुवाई 26 सितंबर तक 1120 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल से 7 लाख हेक्टेयर और सामान्य रकबे से भी अधिक है। धान (441 लाख हेक्टेयर) और श्रीअन्न (194 लाख हेक्टेयर) में बढ़ोतरी हुई है, दलहन 119 लाख हेक्टेयर पर थोड़ा बढ़ा लेकिन सामान्य से कम रहा। तिलहन घटकर 190 लाख हेक्टेयर पर आ गया है, वहीं गन्ना बढ़ा और कपास व जूट-मेस्टा में गिरावट दर्ज हुई है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 26 सितंबर तक खरीफ फसलों की बुवाई का ताजा आंकड़ा जारी किया है। इसमें धान, दालें, श्रीअन्न (मिलेट्स), तिलहन, गन्ना, कपास, जूट और मेस्टा की खेती की जानकारी दी गई है। कुल मिलाकर खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 1120 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो सामान्य रकबे (1096 लाख हेक्टेयर) से ज्यादा और पिछले साल से 7 लाख हेक्टेयर अधिक है।
धान की खेती में सबसे बड़ा उछाल
धान की बुवाई 441 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। यह पिछले साल के 435 लाख हेक्टेयर और सामान्य रकबे 403 लाख हेक्टेयर दोनों से ज्यादा है।
दालों में हल्की बढ़ोतरी, कुछ फसलें घटीं
दलहन की खेती का रकबा 119 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल से थोड़ा ज्यादा है। हालांकि यह सामान्य 129 लाख हेक्टेयर से अभी भी कम है। तुअर, मूंग और मोथ की बुवाई में कमी देखी गई है।
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श्रीअन्न (मिलेट्स) में बढ़ी रुचि
श्रीअन्न की खेती में 12 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है और कुल बुवाई 194 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। यह सामान्य 180 लाख हेक्टेयर से अधिक है। मक्का की बुवाई में भी 10.65 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
तिलहन की खेती पिछड़ी
तिलहन फसलों का रकबा घटकर 190 लाख हेक्टेयर रह गया है, जो पिछले साल 200 लाख हेक्टेयर था। मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल सभी में गिरावट दर्ज की गई है।
गन्ना बढ़ा, कपास और जूट में कमी
गन्ने की खेती में 1.86 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन कपास में 2.97 लाख हेक्टेयर और जूट व मेस्टा में 0.18 लाख हेक्टेयर की कमी दर्ज की गई है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।