राजस्थान में खरीफ की बुवाई पिछले साल जैसी रही, लेकिन असमान बारिश से फसल उत्पादन घटने की आशंका है। भारी बारिश और सूखे के असर से चारे के दाम बढ़ गए हैं। बाजरा का रकबा स्थिर रहा, ग्वार घटा जबकि मूंग, कपास और धान बढ़े। सोयाबीन और मोठ में कमी आई है। किसान रबी सीजन से कुछ नुकसान की भरपाई की उम्मीद कर रहे हैं, हालांकि बुवाई देर से होगी।
राजस्थान में खरीफ की बुवाई पूरी हो चुकी है और कुल रकबा लगभग पिछले साल जैसा ही रहा है।करीब 158 लाख हेक्टेयर। लेकिन इस बार उत्पादन घटने की संभावना जताई जा रही है। वजह है बारिश का असमान बंटवारा। जून और जुलाई में प्रदेश में बहुत ज्यादा बारिश हुई, फिर अगस्त में करीब 25 दिन तक बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई। इसके बाद सितंबर की शुरुआत में फिर से भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया। इस उतार-चढ़ाव ने फसलों की वृद्धि पर बुरा असर डाला है।
खराब मौसम का असर
इस खराब मौसम का सीधा असर अब चारे की कीमतों पर दिखने लगा है। किसानों के मुताबिक, पहले जो चारा पंजाब से ₹6 प्रति किलो मिलता था, वह अब ₹8-9 प्रति किलो बिक रहा है। यानी चारे की कमी से पशुपालकों की लागत बढ़ गई है। किसान संगठनों का कहना है कि सरकारी आंकड़े पूरी तस्वीर नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि उनमें वे इलाके शामिल नहीं हैं जहां पूरी फसल बर्बाद हो गई और किसान अब रबी सीजन की तैयारी कर रहे हैं।
किस फसल की कितनी हुई बुवाई
फसलों की बात करें तो, राजस्थान में बाजरा का क्षेत्रफल लगभग समान रहा है – 43.15 लाख हेक्टेयर। लेकिन ग्वार 10% घटकर 24.51 लाख हेक्टेयर रह गया है। वहीं, मूंग 2% बढ़कर 23.58 लाख हेक्टेयर हो गई है। कपास में 21% बढ़त (6.29 लाख हेक्टेयर), धान में 15.4% (3.44 लाख हेक्टेयर), उड़द में 5% (3.13 लाख हेक्टेयर), मक्का में 1.5% (9.85 लाख हेक्टेयर) और ज्वार में 2.7% (6.57 लाख हेक्टेयर) की वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, सोयाबीन 8.9% घटकर 9.83 लाख हेक्टेयर और मोठ 4.4% घटकर 9.08 लाख हेक्टेयर रह गया है।
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लगातार सामान्य से ज्यादा बारिश
बारिश के आंकड़े देखें तो स्थिति और साफ हो जाती है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, राजस्थान में जून से सितंबर तक लगातार सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। जून में 128% ज्यादा, जुलाई में 79% ज्यादा, अगस्त में 15% ज्यादा और सितंबर के पहले 12 दिनों में तो 159% ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
रबी सीजन की चिंता
किसान नेताओं का कहना है कि खरीफ की फसल का नुकसान तो हो चुका है, लेकिन उम्मीद है कि रबी सीजन कुछ राहत देगा। हालांकि, ज्यादा बारिश और पानी भराव की वजह से रबी बुवाई में थोड़ी देरी हो सकती है। इसके बावजूद किसान तैयारी में जुट गए हैं ताकि आने वाले मौसम में बेहतर उत्पादन हासिल किया जा सके।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।