इस बार की लगातार बारिश ने अगेती सब्ज़ियों की खेती को बुरी तरह प्रभावित किया है। किसानों का कहना है कि फसल सड़ गई, फंगस लग गया और कई जगह पूरी तरह बर्बाद हो गई है। हालत यह है कि लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और पश्चिमी यूपी के किसान सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं, जिससे सब्ज़ियों के दाम बढ़ने की आशंका है।
इस साल मानसून ने किसानों के लिए दो तस्वीरें पेश की हैं। जहां कुछ फसलों के लिए बारिश वरदान बनी, वहीं सब्ज़ियों की अगेती खेती करने वालों के लिए यह अभिशाप साबित हुई है।

हरियाणा के करनाल ज़िले में किसान कई सालों से अगेती फूल गोभी की खेती कर रहे हैं। इन किसानों का मकसद जल्दी फसल बेचकर मुनाफा कमाना होता है। पिछले साल यही गोभी उन्हें 8–10 लाख रुपये तक की कमाई करवा गई थी। लेकिन इस बार लगातार बारिश ने सारी मेहनत चौपट कर दी। खेतों में पानी भर गया, फसल गल गई और फ़ंगस लगने से पूरी उपज बर्बाद हो गई। किसानों का कहना है कि 2–2.5 लाख रुपये की लागत लगाने के बाद अब 2 लाख रुपये भी निकालना मुश्किल हो रहा है।

न्यूज़पोटली से बातचीत में किसानों ने बताया कि बारिश के कारण उनकी मेहनत, समय और पैसे सब पर पानी फिर गया है।

यह हाल सिर्फ करनाल का नहीं है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और पश्चिमी यूपी समेत कई राज्यों में अगेती सब्ज़ी की खेती पर बारिश का कहर टूटा है। टमाटर, गोभी, भिंडी और अन्य सब्ज़ियों के खेत भी पानी और बीमारियों से प्रभावित हुए हैं।

आपको बता दें कि जब अगेती फसलें बर्बाद होती हैं तो सीधे असर बाज़ार पर पड़ता है। यही वजह है कि आने वाले दिनों में हरी सब्ज़ियाँ महंगी मिल सकती हैं। किसानों की मेहनत तो डूब ही गई, लेकिन अब इसकी मार उपभोक्ताओं की जेब पर भी पड़ने वाली है।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।