इस खरीफ सीजन में उत्तर प्रदेश में बंपर पैदावार की उम्मीद है, क्योंकि खेती का क्षेत्र पिछले साल से 14 लाख हेक्टेयर बढ़कर 138.40 लाख हेक्टेयर हो गया है। धान और बाजरा में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, जबकि गन्ने का रकबा थोड़ा घटा है। दलहन और तिलहन की बुवाई भी बढ़ी है। मौसम लगभग सामान्य रहा और पश्चिमी यूपी में अच्छी बारिश से फायदा मिला है। मार्केटिंग सुधार और बेहतर दाम के कारण किसान अब दूसरे फसलों की ओर भी रुख कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश, जो धान और गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक और ज्वार का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है, इस खरीफ सीजन में बंपर पैदावार की ओर बढ़ रहा है। इस बार किसानों ने धान और बाजरा जैसी फसलों को प्राथमिकता दी, जिससे खेती का क्षेत्र 14 लाख हेक्टेयर बढ़ा है।
धान में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी
5 सितंबर तक राज्य में खरीफ फसलों का कुल रकबा 138.40 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल के 124.39 लाख हेक्टेयर से 11 प्रतिशत अधिक है। यह राज्य के सामान्य (पिछले पांच वर्षों के औसत) 115.20 लाख हेक्टेयर से भी 20 प्रतिशत ज्यादा है। मुख्य फसलों में धान (बासमती समेत) का क्षेत्र 13.5 प्रतिशत बढ़कर 71.05 लाख हेक्टेयर हो गया है। यह पूरे देश में धान क्षेत्र की 4.7 प्रतिशत बढ़ोतरी से कहीं अधिक है।
गन्ना थोड़ा घटा
राज्य की दूसरी सबसे बड़ी फसल गन्ना का क्षेत्र मामूली गिरावट के साथ 27.05 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले साल 27.25 लाख हेक्टेयर था।
बाजरा और अन्य फसलों का विस्तार
बाजरा का क्षेत्र 34 प्रतिशत बढ़कर 11.11 लाख हेक्टेयर हो गया। मक्का का क्षेत्र 5.8 प्रतिशत बढ़कर 8.20 लाख हेक्टेयर और ज्वार का क्षेत्र 15.3 प्रतिशत बढ़कर 3.09 लाख हेक्टेयर हो गया।
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दलहन और तिलहन में बढ़ोतरी
किसानों ने केंद्र सरकार की अपील पर दलहन और तिलहन की खेती का रकबा भी बढ़ाया है। अरहर (तूर) का क्षेत्र 5 प्रतिशत बढ़कर 3.79 लाख हेक्टेयर, उड़द 1.3 प्रतिशत बढ़कर 4.63 लाख हेक्टेयर, मूंगफली 32.3 प्रतिशत बढ़कर 3.56 लाख हेक्टेयर और तिल 24.4 प्रतिशत बढ़कर 4.39 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है।
किसानों को बेहतर दाम का लाभ
उत्तर प्रदेश के पूर्व कृषि प्रमुख सचिव ने कहा कि पिछले 5-6 वर्षों से किसानों को राज्य में अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर दाम मिल रहे हैं। उन्होंने इसका श्रेय मार्केटिंग सुधारों को दिया और बताया कि किसान अब ऐसी फसलों की ओर बढ़ रहे हैं जिनमें स्थिर और सुनिश्चित आमदनी मिल सके।
बारिश का पैटर्न
वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) के आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से 9 सितंबर तक उत्तर प्रदेश में 649.9 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य 653.3 मिमी से मात्र 1 प्रतिशत कम है। पश्चिमी यूपी में 20 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जबकि पूर्वी यूपी में 13 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।