केंद्र सरकार ने आलू की चार नई हाई-क्वालिटी किस्मों कुफरी रतन, कुफरी तेजस, कुफरी चिपभारत-1 और कुफरी चिपभारत-2 को खेती और बीज उत्पादन के लिए मंजूरी दी है। ये किस्में अलग-अलग मौसम और क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं और उच्च उपज देने के साथ लंबी भंडारण क्षमता रखती हैं। ICAR-CPRI के निदेशक ब्रजेश सिंह ने कहा कि ये किस्में किसानों की आय बढ़ाने, आलू प्रसंस्करण क्षमता सुधारने और उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेंगी। इस कदम से भारत के आलू क्षेत्र में नई संभावनाएँ खुलेंगी।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने देश की आलू उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्रीय बीज समिति की सिफारिशों के आधार पर चार नई आलू किस्मों को मंजूरी दी है। यह मंजूरी पूरे भारत में इन किस्मों के बीज उत्पादन और कृषि उपयोग के लिए दी गई है। इन चार नई किस्मों को ICAR के केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (CPRI) ने विकसित किया है।
चार नई आलू किस्मों के नाम और विशेषताएँ
1. कुफरी रतन
- मध्यम परिपक्वता वाली किस्म, 90 दिन में तैयार
- उपज: 37–39 टन प्रति हेक्टेयर
- लाल छिलके वाली और पीले गूदे वाला आलू
- उपयुक्त क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान
- कंद: अंडाकार, गहरे लाल, उथली-मध्यम आंखें, भंडारण क्षमता बेहतरीन
2. कुफरी तेजस
- गर्मी सहन करने वाली, मध्यम परिपक्वता (90 दिन)
- उपज: 37–40 टन प्रति हेक्टेयर
- सफेद क्रीम रंग, अंडाकार कंद, उथली आंखें
- उपयुक्त क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड (शुरुआती मौसम), मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र (मुख्य मौसम)
- परिवेशी भंडारण क्षमता बहुत अच्छी
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3. कुफरी चिपभारत-1
- मध्यम परिपक्वता (100 दिन), उच्च उपज (35–38 टन/हेक्टेयर)
- चिप्स प्रोसेसिंग के लिए उपयुक्त
- कंद: सफेद क्रीम, गोल, उथली आंखें, उच्च शुष्क पदार्थ (21%)
- कम शर्करा, स्टोरेज क्षमता बेहतरीन
- उपयुक्त क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु
4. कुफरी चिपभारत-2
- जल्दी पकने वाली किस्म (90 दिन), उच्च उपज (35–37 टन/हेक्टेयर)
- चिप्स प्रोसेसिंग के लिए विकसित
- कंद: सफेद क्रीम, अंडाकार, उथली-मध्यम आंखें, क्रीम गूदा
- उच्च शुष्क पदार्थ (21%), कम शर्करा
- स्टोरेज क्षमता बेहतरीन, बीज लाइसेंस के माध्यम से उपलब्ध होंगे
- उपयुक्त क्षेत्र: हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु
ICAR-CPRI का बयान
संस्थान के निदेशक ब्रजेश सिंह ने कहा कि चार नई किस्मों की मंजूरी भारत के आलू क्षेत्र के लिए मील का पत्थर है। उन्होंने वैज्ञानिकों की टीम को किसानों और आलू आधारित उद्योगों में उनके योगदान के लिए बधाई दी। सिंह ने कहा कि ये किस्में न केवल पैदावार बढ़ाने में मदद करेंगी, बल्कि प्रसंस्करण दक्षता सुधारने और किसानों के लाभ को सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।उन्होंने यह भी कहा कि इन किस्मों की उपलब्धता से आलू आधारित खाद्य उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और यह किसानों के लिए नए अवसर पैदा करेगा।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।