11 महीनों में धान की खरीद 4% बढ़ी, सरकार बेचने की तैयारी में

धान की खरीद

भारत में 2024-25 सीजन में धान-चावल की सरकारी खरीद 545.22 लाख टन पहुंच गई, जो पिछले साल से 4% ज्यादा है। पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना जैसे राज्यों से सबसे ज्यादा योगदान रहा। सरकार के पास ज़रूरत से ज्यादा स्टॉक जमा हो गया है, इसलिए एफसीआई ने इसे बाजार और डिस्टिलरी को बेचने की योजना बनाई है। इससे किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं सभी को लाभ होने की उम्मीद है।

भारत में मार्केटिंग सीजन 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान धान-चावल की सरकारी खरीद ने नया रिकॉर्ड बनाया है। 31 अगस्त तक 545.22 लाख टन चावल खरीदा गया, जो पिछले साल से लगभग 4% ज्यादा है। पिछले साल इसी समय तक 525.22 लाख टन खरीदा गया था। अब सरकार इस अतिरिक्त अनाज को बाजार में बेचने की तैयारी कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस साल खरीदे गए चावल में से 474 लाख टन खरीफ सीजन से और 71 लाख टन रबी सीजन से आया है। खरीफ का लक्ष्य 511.57 लाख टन और रबी का 73.23 लाख टन रखा गया था।

राज्यों से खरीद के आंकड़े
तमिलनाडु में 28.26 लाख टन चावल खरीदा गया, जो लक्ष्य से थोड़ा ज्यादा है।
तेलंगाना में पिछले साल 63.86 लाख टन के मुकाबले इस बार 71.25 लाख टन खरीद हुई, जो लक्ष्य से अधिक है।
पंजाब से सबसे ज्यादा 116.13 लाख टन धान खरीदा गया।
आंध्र प्रदेश से कुल 25.60 लाख टन और
ओडिशा से 50.12 लाख टन चावल खरीदा गया।
पश्चिम बंगाल से 19.91 लाख टन,
बिहार से 26.28 लाख टन,
मध्य प्रदेश से 29.16 लाख टन और
हरियाणा से 36.17 लाख टन चावल की खरीद हुई।
छत्तीसगढ़ में इस बार 78 लाख टन खरीद हुई, जबकि पिछले साल 83 लाख टन खरीदी गई थी।

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सरकार के पास कितना स्टॉक
1 अगस्त तक सरकार के पास लगभग 380 लाख टन चावल और 213.52 लाख टन धान (143 लाख टन चावल के बराबर) स्टॉक में था। जबकि, सरकारी योजनाओं (जैसे पीडीएस) के लिए सालाना करीब 410 लाख टन चावल की ज़रूरत होती है। कई राज्यों में किसानों से धान एमएसपी से ज्यादा भाव पर खरीदा गया। किसानों को करीब 3,100 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिला, जबकि इस साल (2025-26) का आधिकारिक एमएसपी 2,389 रुपये/क्विंटल तय किया गया है।

अतिरिक्त स्टॉक बेचने की योजना
अतिरिक्त स्टॉक निकालने के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने नया नियम बनाया है। अब व्यापारी सीधे डिपो से 1 से 9 टन तक चावल खरीद सकते हैं। इसकी कीमत 2,800 रुपये प्रति क्विंटल रखी गई है। यह सुविधा उन राज्यों में दी जाएगी, जहां चावल की खपत ज्यादा है। इसके अलावा, सरकार ने 52 लाख टन चावल डिस्टिलरी को इथेनॉल बनाने के लिए बेचने का फैसला किया है। इसकी बिक्री नवंबर 2025 से शुरू होगी।

ये देखें –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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