पीली मटर के जीरो आयात शुल्क पर कृषि मंत्री ने जताई चिंता

कृषि मंत्री

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीली मटर के लगातार फ्री आयात और इससे घरेलू दालों की कीमतों पर पड़ रहे नकारात्मक असर पर चिंता जताई है। उन्होंने किसानों के हित में इस पर 50% आयात शुल्क लगाने की मांग की है।दिसंबर 2023 से अब तक 3.5 मीट्रिक टन से ज्यादा पीली मटर आयात हो चुकी है और यह छूट 31 मार्च 2026 तक जारी है।भारतीय दलहन और अनाज संघ और CACP दोनों ने आयात रोकने या शुल्क बढ़ाने की सिफारिश की है, ताकि घरेलू बाजार स्थिर रहे और किसानों को दाल उत्पादन के लिए प्रोत्साहन मिले।

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीली मटर के लगातार फ्री आयात और इसकी वजह से गिरती कीमतों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि सस्ती पीली मटर के आने से यह चने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल हो रही है, जिससे घरेलू दालों की कीमतें नीचे आ रही हैं। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है और वे दालों की खेती का रकबा बढ़ाने से झिझक रहे हैं। किसानों के हित में चौहान ने सरकार से पीली मटर पर 50% आयात शुल्क लगाने की मांग की है।

ये है वजह
मौजूदा समय में पीली मटर की लागत करीब 3,351 रुपये प्रति क्विंटल है, जो तुअर, मूंग और उड़द जैसी प्रमुख दालों के एमएसपी और मंडी कीमत से काफी कम है। मंत्री का कहना है कि कम दाम पर लगातार हो रहा आयात अन्य दालों में मिलावट को भी बढ़ावा दे रहा है, जिससे बाजार पर और असर पड़ रहा है।

ये भी पढ़ें – पशुधन, अनुसंधान और खेती में सहयोग बढ़ाएंगे भारत-भूटान

कम से कम 50% इंपोर्ट ड्यूटी लगाई जाए
‘फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, पीली मटर की आयात नीति पर कई अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) बैठकों में चर्चा हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं, भारतीय दलहन और अनाज संघ ने भी सरकार से बार-बार कहा है कि घरेलू किसानों को बचाने के लिए कम से कम 50% इंपोर्ट ड्यूटी लगाई जाए।

3.5 मीट्रिक टन से अधिक पीली मटर आयात की जा चुकी है
आपको बता दें कि दिसंबर 2023 में सरकार ने पीली मटर के फ्री आयात की अनुमति दी थी और यह छूट समय-समय पर बढ़ाई गई है, जो अब 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। दिसंबर 2023 से अब तक 3.5 मीट्रिक टन से अधिक पीली मटर आयात की जा चुकी है। फिलहाल आयातकों के पास लगभग 1 मीट्रिक टन मटर का स्टॉक है, जबकि घरेलू उत्पादन करीब 0.45 मीट्रिक टन है, जो मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त माना जा रहा है।

ये देखें –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *