भारत में ड्यूटी-फ्री कपास आयात की अवधि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ी

ड्यूटी-फ्री कपास आयात

भारत सरकार ने कपास के ड्यूटी-फ्री आयात की समयसीमा 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी है। इससे अक्टूबर-दिसंबर में आयात दोगुना होकर करीब 20 लाख गांठ होने की उम्मीद है। यह कदम टेक्सटाइल उद्योग को राहत देने के लिए है, क्योंकि घरेलू दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार से लगभग 20% ज़्यादा हैं और अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया है। ब्राज़ील से आयात तेजी से बढ़ा है और इससे दक्षिण भारत की मिलों को सस्ती कपास मिलेगी।

भारत सरकार ने कपास (cotton) के ड्यूटी-फ्री आयात की अवधि 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दी है। इसका मतलब है कि अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक कपास का आयात दोगुना होकर करीब 20 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) तक पहुँच सकता है।

दिसंबर तक ड्यूटी फ्री आयात
सरकार के इस कदम से खासकर टेक्सटाइल उद्योग को काफ़ी राहत मिलेगी, क्योंकि अमेरिकी बाज़ार (भारत का सबसे बड़ा ग्राहक) ने भारतीय कपड़ा निर्यात पर 50% टैरिफ लगा दिया है। आपको बता दें कि पहले सरकार ने 11% आयात शुल्क को सिर्फ़ सितंबर 2025 तक हटाया था, अब इसे दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।

क्यों है यह फायदेमंद?
रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कपास की कीमत भारत से लगभग 20% सस्ती है। जैसे विदेशों में कपास का दाम 46,000 रुपये प्रति कैंडी (356 किलो) है वहीं भारत में इसका दाम 55,000 रुपये प्रति कैंडी तक है। इस फैसले से दक्षिण भारत की मिलों को सस्ती कपास आसानी से ब्राज़ील, अमेरिका, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया से मिल सकेगी।

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असर भारत पर
बिज़नेस लाइन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2024-25 (वर्तमान विपणन वर्ष) में भारत लगभग 40-42 लाख गांठ कपास आयात करेगा। वहीं अक्टूबर-दिसंबर 2025 में ही 15-20 लाख गांठ आने की उम्मीद है। जबकि पिछले साल इस अवधि में सिर्फ़ 10 लाख आई थी। इससे टेक्सटाइल मिलों को राहत मिलेगी और उन्हें वैश्विक दामों पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। कुल मिलाकर, सरकार का ये कदम कपड़ा उद्योग को बचाने और किसानों व उद्योग के बीच संतुलन बनाने के लिए है।

ये देखें –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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