भारत सरकार ने घटाई शहद की न्यूनतम निर्यात कीमत

न्यूनतम निर्यात कीमत

भारत सरकार ने प्राकृतिक शहद की न्यूनतम निर्यात कीमत (MEP) घटाकर 2,000 डॉलर से 1,400 डॉलर प्रति टन कर दी है, जो 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगी। भारत से शहद मुख्य रूप से अमेरिका, यूएई, सऊदी अरब और कतर को निर्यात होता है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने शहद निर्यात से 177.52 मिलियन डॉलर कमाए। सरकार नेशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन (NBHM) के ज़रिए वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है।

भारत सरकार ने प्राकृतिक शहद के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने शहद की न्यूनतम निर्यात कीमत (MEP) को घटाकर अब 1,400 डॉलर प्रति टन कर दिया है। पहले यह दर 2,000 डॉलर प्रति टन तय थी। नई दर 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगी।

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) की अधिसूचना के मुताबिक, शहद का निर्यात इससे कम कीमत पर नहीं किया जा सकेगा। सरकार ने शहद निर्यात में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मार्च 2024 में MEP की व्यवस्था लागू की थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि शहद के न्यूनतम निर्यात मूल्य घटाने से भारत का शहद अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा प्रतिस्पर्धी होगा और किसानों व निर्यातकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

इन देशों में होता है निर्यात
भारत का शहद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खास पहचान रखता है। फिलहाल भारत से शहद मुख्य रूप से अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और कतर जैसे देशों को निर्यात किया जाता है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने शहद के निर्यात से करीब 177.52 मिलियन डॉलर की कमाई की।

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सरकार शहद उत्पादन को दे रही है बढ़ावा
सरकार शहद उत्पादन और मधुमक्खी पालन को वैज्ञानिक तरीके से बढ़ावा देने के लिए नेशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन (NBHM) चला रही है। इस मिशन के तहत किसानों को ट्रेनिंग, तकनीक और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि शहद उत्पादन में गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ सके।

सबसे ज़्यादा शहद उत्पादन उत्तर प्रदेश में
देश में शहद उत्पादन के बड़े राज्य उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, बिहार और राजस्थान हैं। इन राज्यों में हजारों किसान शहद उत्पादन से जुड़े हुए हैं और शहद निर्यात में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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