भारत के जीआई-टैग वाले कृषि उत्पाद अब विदेशों में अपनी पहचान बना रहे हैं। कर्नाटक से पहली बार इंडी लाइम का 3 मीट्रिक टन निर्यात यूएई को भेजा गया। इससे पहले गढ़वाली सेब और कारगिल की खुबानी भी विदेशी बाजारों तक पहुँची हैं। सरकार की ODOP योजना किसानों को वैश्विक खरीदारों से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने में मदद कर रही है।
भारत के खास और पारंपरिक कृषि उत्पाद अब दुनिया के बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं। हाल ही में कर्नाटक के विजयपुरा से पहली बार 3 मीट्रिक टन जीआई-टैग वाला इंडी लाइम (नींबू) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भेजा गया। इस निर्यात को APEDA ने संभव बनाया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह मील का पत्थर हमारे किसानों और निर्यातकों के लिए नए दरवाज़े खोलेगा।
इंडी लाइम की खासियत
इंडी लाइम अपनी तेज़ खुशबू और अनोखे स्वाद के लिए जाना जाता है और अब यह भारत के उन कृषि उत्पादों में शामिल हो गया है, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है। इससे पहले, गढ़वाली सेब की पहली खेप दुबई भेजी गई थी और कारगिल की खुबानी को सऊदी अरब, कुवैत और कतर जैसे देशों के बाजार मिले हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल, ग्लोबल आउटरीच’ का हिस्सा है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और भारत के कृषि उत्पादों की साख दुनिया भर में बनेगी।”
ODOP योजना
सरकार की ODOP (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) योजना इन अनोखे उत्पादों को दुनिया तक पहुँचाने का काम कर रही है। इस योजना के ज़रिए हर जिले के खास उत्पाद की पहचान, ब्रांडिंग और निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब चाहे वो कर्नाटक का इंडी नींबू हो, उत्तराखंड का सेब या फिर कारगिल की खुबानी, ये सभी किसानों की मेहनत और भारत की समृद्ध कृषि परंपरा को वैश्विक मंच तक पहुँचा रहे हैं।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।