भारत दुनिया का सबसे बड़ा सुपारी उत्पादक, सरकार ने किसानों के लिए उठाए बड़े कदम

सुपारी उत्पादक

भारत दुनिया का सबसे बड़ा सुपारी उत्पादक देश है और कुल उत्पादन में 63% हिस्सेदारी रखता है। राज्यों में कर्नाटक अकेले 10 लाख टन सुपारी उगाकर पहले स्थान पर है। देश में सुपारी का मूल्य 58,664 करोड़ रुपये आँका गया है और 400 करोड़ रुपये की सुपारी विदेशों में निर्यात हुई। सरकार किसानों की आय बढ़ाने और बीमारियों से बचाव के लिए योजनाएँ चला रही है और आयात पर सख़्ती बनाई हुई है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा सुपारी उत्पादक देश है और वैश्विक उत्पादन में हमारी हिस्सेदारी करीब 63% है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2023-24 में देश में 9.49 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से लगभग 14 लाख टन सुपारी का उत्पादन हुआ। अकेले कर्नाटक ने 6.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से 10 लाख टन उत्पादन कर पहला स्थान हासिल किया है। इसके बाद केरल, असम, मेघालय, मिजोरम, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु का नंबर आता है। देश में उत्पादित सुपारी का मूल्य मौजूदा कीमतों पर लगभग 58,664 करोड़ रुपये है और करीब 60 लाख लोग इसकी खेती पर निर्भर हैं।

निर्यात भी बेहतर
निर्यात के मामले में भी भारत लगातार आगे बढ़ रहा है। पीआईबी के मुताबिक वर्ष 2023-24 में देश ने 10,637 टन सुपारी का निर्यात किया, जिसकी कीमत लगभग 400 करोड़ रुपये रही। भारतीय सुपारी की सबसे ज्यादा मांग यूएई, वियतनाम, नेपाल, मलेशिया और मालदीव जैसे देशों में है।

सरकार का सहयोग
सुपारी किसानों को सहयोग देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सुपारी आयात पर 100% शुल्क लगाया गया है, वहीं एमआईपी को बढ़ाकर 351 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है। सरकार ने सुपारी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एफएसएसएआई और सीमा शुल्क अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए हैं।

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बीमारियों पर रिसर्च
किसानों की समस्याओं को देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति बनाई है, जो पीली पत्ती रोग (YLD) और लीफ स्पॉट रोग (LSD) जैसी बीमारियों पर रिसर्च कर रही है। इसके लिए कर्नाटक को 2024-25 में 3700 लाख रुपये, और 2025-26 में 860.65 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, LSD प्रबंधन के लिए 50 हेक्टेयर क्षेत्र में वैज्ञानिक कार्यक्रम भी चल रहा है, जिसकी लागत लगभग 6.3 करोड़ रुपये है।इतना ही नहीं, सरकार ने सुपारी और मानव स्वास्थ्य पर साक्ष्य-आधारित अनुसंधान के लिए भी एक विशेष परियोजना शुरू की है, जिसमें 16 एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। इसके लिए लगभग 10 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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