गुजरात के किसान जगदीश भाई देसाई ने ड्रैगन फ्रूट की खेती में एलईडी लाइट लगाकर उत्पादन 30% तक बढ़ा लिया है। अब उन्हें प्रति एकड़ 2-3 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई हो रही है। ऑफ-सीजन में फल 150 रुपये किलो तक बिकता है, जिससे मुनाफा और बढ़ जाता है। साथ ही वे जैविक खेती और इंटरक्रॉपिंग से भी लाखों की एक्स्ट्रा आमदनी कर रहे हैं।
गुजरात के भावनगर जिले के कांसातर गांव के किसान जगदीश भाई देसाई ने खेती में अनोखा प्रयोग कर सबको चौंका दिया है। उन्होंने अपने ड्रैगन फ्रूट के खेतों में रात के समय एलईडी बल्ब जलाकर उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है। इसके चलते उन्हें प्रति एकड़ 2 से 3 लाख रुपए तक की अतिरिक्त कमाई हो रही है।
बढ़ जाता है photosynthesis का प्रोसेस
जगदीश भाई ने बताया कि पौधे दिन में सूर्य की रोशनी से भोजन बनाते हैं, लेकिन एलईडी की लाइट से रात में भी पौधों में प्रकाश संशलेषण (फोटोसिंथेसिस) की प्रक्रिया जारी रहती है। इससे फलने-फूलने का समय बढ़ जाता है और उत्पादन अधिक होता है। एलईडी लगाने का आइडिया उन्हें यूट्यूब से मिला था।

एक एकड़ में LED का साढ़े 3 लाख का खर्च
उन्होंने साल 2020 में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी। एक एकड़ में एलईडी लगाने का खर्च लगभग साढ़े 3 लाख रुपए आया, जबकि बिजली खर्च सिर्फ 1,000 रुपए मासिक है। पहले एक पोल से 28-30 किलो फल मिलता था, जो अब बढ़कर 39-40 किलो हो गया है। बाजार भाव के हिसाब से उन्हें प्रति पोल करीब 1,000 रुपए ज्यादा लाभ हो रहा है।

जैविक खेती के फायदे
जगदीश भाई बताते हैं कि वे जैविक खेती करते हैं और गोबर व गौमूत्र से तैयार जीवामृत का उपयोग करते हैं, जिससे ड्रैगन फ्रूट की गुणवत्ता बढ़ती है और फल जल्दी खराब नहीं होते। फिलहाल उनके पास करीब 6 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती है, जबकि डेढ़ एकड़ में नए पौधों की तैयारी चल रही है।

इंटरक्रॉपिंग से अतिरिक्त कमाई
इसके साथ ही वे इंटरक्रॉपिंग भी करते हैं, जिसमें हल्दी, जामफल, सीताफल और नींबू जैसी फसलें लगाई गई हैं। इससे उन्हें 3 लाख रुपए से अधिक की अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। उनका कहना है कि यह तरीका न केवल मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है, बल्कि फसलों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।