किसानों को पराली से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने एक अहम फ़ैसला लिया है. फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत राज्य में पराली से जुड़े इंडस्ट्री लगाने वालों को 65 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी. इससे ये समस्या भी दूर होगी और किसानों की अतिरिक्त कमाई भी होगी.
पराली जलाने की समस्या से निजात पाने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने इस समस्या का स्थायी समाधान देने का प्रयास किया है. धान की पराली अब किसानों और इंडस्ट्री के लिए परेशानी नहीं बल्कि कमाई का साधन बन सकती है. हरियाणा कृषि विभाग की योजना से पराली से जुड़े इंडस्ट्री लगाने वालों को 65 फीसदी तक सब्सिडी मिलेगी. आवेदन कृषि पोर्टल https://agriharyana.gov.in/ पर करना होगा.
15 जुलाई तक करें आवेदन
फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत पराली आधारित इंडस्ट्री लगाने के लिए किसान समूह, सहकारी समितियां और पंचायतें आवेदन कर सकती हैं. योजना का लाभ लेने के लिए 15 जुलाई तक विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

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कितना मिलेगा अनुदान
योजना के तहत कृषि विभाग की ओर से 65 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. पहले विकल्प में उद्योग 25 फीसदी और एग्रीगेटर 10 खर्च करेगा. दूसरे विकल्प में एग्रीगेटर को 35 फीसदी योगदान देना होगा. इन इकाइयों के लिए बेलर, टेडर, टेली हैंडलर, नमी मापक यंत्र, श्रेडर, ट्रैक्टर जैसे आधुनिक यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
अतिरिक्त कमाई भी होगी
यह योजना उन आवेदकों के लिए फायदेमंद है, जो पिछले 2 वर्षों से पराली प्रबंधन का काम कर रहे हैं. जिन आवेदकों ने 2024-25 में आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन करने की जरूरत नहीं है. इस योजना से पराली जलाने की घटनाओं में कमी आएगी. वहीं, किसान भी पराली बेचकर अतिरिक्त कमाई कर सकेंगे.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।