केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक कार्यक्रम में बताया कि भारत का शुगर इंडस्ट्री 1.3 लाख करोड़ रुपए का हो गया है और 5 करोड़ किसान परिवार गन्ने की खेती कर रहे हैं. वहीं इथेनॉल उत्पादन क्षमता 11 साल में चार गुना बढ़ी है, जिससे पेट्रोल में मिश्रण दर 19% तक पहुंच गई है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि भारत का चीनी सेक्टर 1.3 लाख करोड़ रुपए का उद्योग बन गया है, जिसने रिकॉर्ड इथेनॉल मिश्रण और ईंधन में आत्मनिर्भरता जैसे सुधारों के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि, ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया है.
5 करोड़ किसान परिवार गन्ने की खेती से जुड़े हैं
अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘को-ऑपरेटिव शुगर इंडस्ट्री कॉनक्लेव 2025’ को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह देखना प्रेरणादायक है कि कैसे इस सेक्टर का विकास भारत के लिए एक सस्टेनेबल और आत्मनिर्भर भविष्य को आकार दे रहा है.” उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सामूहिक शक्ति, इनोवेशन और दक्षता ने इस सेक्टर को बदल दिया है. केंद्रीय मंत्री ने पहले इस बात पर प्रकाश डाला था कि भारत में लगभग 5 करोड़ किसान (परिवार के सदस्यों सहित) गन्ने की खेती में लगे हुए हैं और यह उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है.
चार गुना हुआ इथेनॉल उत्पादन क्षमता
उन्होंने कहा कि अनुकूल नीतिगत पहलों की मदद से मोदी सरकार के पिछले 11 वर्षों में भारत की इथेनॉल उत्पादन क्षमता चार गुना से अधिक बढ़कर 1,810 करोड़ लीटर सालाना हो गई है. बढ़ी हुई स्थापित उत्पादन क्षमता के साथ, पेट्रोल के साथ इथेनॉल का मिश्रण 2013 के 1.53 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 19 प्रतिशत हो गया है, जिससे विदेशी मुद्रा में भारी बचत हुई है – 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक – साथ ही गन्ना और खाद्यान्न किसानों को भी लाभ हुआ है.
चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान
भारत में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन करने वाले मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कनार्टक राज्य हैं.आपको बता दें कि चालू चीनी मार्केटिंग सीजन में गन्ने की कमी के कारण गिरावट दर्ज की जा रही है. लेकिन, अक्टूबर 2025 से शुरू होने जा रहे आगामी मार्केटिंग सीजन को लेकर चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान है.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।