भारत में कपास की खेती, Production, Export और Employment पर एक नजर

कपास

National food security mission के मुताबिक कपास 40-50 मिलियन किसान और व्यापारियों की आजीविका का अहम हिस्सा है।

ICAR-CICR के मुताबिक कपास का भारत की GDP में ₹3.2 lakh crore का contribution है। APEDA, 2023-24 के मुताबिक देश के कुल एक्सपोर्ट का 11.8% कपड़ा उद्योग से आता है, जिसकी वैल्यू 46.24 अरब डॉलर है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि गुलाबी सुंडी यानी pink bollworm ने कपास के खेतों को ऐसा जकड़ा कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बड़े पैमाने पर इसकी फसलें खराब हुई। जानकारों का कहना है कि, 2008 से शुरू हुआ कीड़ों का प्रतिरोध अब देशभर में फैल चुका है। 2023 में ही महाराष्ट्र में ₹12,000 करोड़ का नुकसान हुआ, और इसका असर सीधा टेक्सटाइल फैक्ट्रियों पर पड़ा।

कपास का रकबा
भारत 12.43 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती करता है, जो वैश्विक कपास क्षेत्र का 37% है, और हम 5.3 मिलियन टन का उत्पादन करते हैं, लेकिन वैश्विक औसत 749 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की तुलना में भारत में इसकी उत्पादकता सिर्फ 426 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। इसका एक बड़ा कारण कपास की फसल में गुलाबी सुंडी यानी pink bollworm का प्रकोप है, जिसकी वजह से अब बड़ी तादाद में किसान कपास की खेती छोड़कर खेती के दूसरे विकल्प की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं।

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पंजाब में बढ़ा रकबा
हालांकि पंजाब से एक अच्छी खबर है। जलवायु परिवर्तन के बुरे प्रभाव और गुलाबी सुंडी के कारण भारत में खरीफ सीजन की प्रमुख नकदी फसल कपास का उत्‍पादन घट रहा है। वहीं पंजाब में चालू खरीफ सीजन में कपास की खेती में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो राज्य और देश दोनों के लिए अच्छी खबर है। राज्य में कपास का कुल रकबा बढ़ाकर 2.98 लाख एकड़ तक हो गया है, जो पिछले साल 2.49 लाख एकड़ था।

कपास के बीज पर 33 प्रतिशत सब्सिडी
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इस साल कपास की खेती का रकबा 20 प्रतिशत बढ़कर 2.98 लाख एकड़ हो गया है। खरीफ सीजन और विभागीय परियोजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कपास की खेती में फाजिल्का जिला सबसे आगे है, इसके बाद मानसा, बठिंडा और श्री मुक्तसर साहिब का स्थान है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार किसानों को कपास के बीज पर 33 प्रतिशत सब्सिडी देगी, जिसके तहत 49,000 से अधिक किसान पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं।

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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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