मध्य प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये देती है. वहीं, केंद्र सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हजार रुपये प्रति वर्ष दे रही है. यानी राज्य के किसानों को हर 4 महीने में 4,000 रुपये की मदद मिलेगी.
मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है, जो राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 47% का योगदान करता है. कृषि क्षेत्र में 2002-2003 से 2024 तक उल्लेखनीय प्रगति हुई है. कृषि विकास दर 3% से बढ़कर 9.8% हो गई है. वहीं कृषि उत्पादन में 200% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो 2002-2003 में 224 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2024 में 723 लाख मीट्रिक टन हो गई है. राज्य का कृषि उत्पादन और बढ़े, किसानों की आमदनी बढ़े, किसान आत्मनिर्भर हों. इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. और लगातार प्रयास कर रही है.
इसी क्रम में राज्य में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना चलायी जा रही है, जिसके तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की सहायता दी जाती है. वैसे तो देश भर के किसानों को केंद्र सरकार PM Kisan योजना के तहत सालाना 6,000 रुपये देती ही है. ऐसे में राज्य के किसानों को सालाना 12000 रुपये मिलते हैं, जिससे वह आसानी से अपना कृषि कार्य कर सकते हैं.
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कौन ले सकता है इस योजना का फायदा
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का फायदा वैसे किसान उठा सकते हैं जिनका नाम PM Kisan योजना की लाभार्थी सूची में है. आवेदक को मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए. उसके पास खेती योग्य जमीन होनी चाहिए. मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को साल में 6 हजार रुपये दिए जाते हैं. यह रकम 2-2 हजार रुपये की तीन किस्तों में खाते में आती है.
ये किसान पात्र नहीं
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का फायदा सभी किसानों को नहीं मिलेगा. इसके लिए कुछ नियम शर्तें लागू है. अगर किसान आयकर भरता है तो वह इस योजना का फायदा नहीं उठा सकता है. ऐसे किसान जो वर्तमान या पूर्व संवैधानिक पद पर रहा हो, मौजूदा या पूर्व विधायक, सांसद, मेयर, पंचायत के चेयरमैन, केंद्र व राज्य में सरकारी नौकरी में कार्यरत, सरकारी नौकरी से रिटायर्ड कर्मचारी और जिनकी भी मासिक पेंशन 10,000 रुपये से ज्यादा है, इस योजना के लाभार्थी नहीं हो सकते हैं.
जरूरी बातें
इस योजना से जुड़ने के लिए फार्मर आईडी, पीएम किसान रजिस्ट्रेशन नंबर, आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज, मध्य प्रदेश का निवास प्रमाण पत्र आदि जरूरी होंगे.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।