‘अगर कोई भारत को विकसित कर सकता है तो वह कृषि है.’ ये कहना है किसान हरप्रीत सिंह का.
हरप्रीत, यूपी के लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं. खेती शुरू करने से पहले वो सेना में थे. रिटायरमेंट के बाद उन्होंने वापस घर आकर कुछ और करने के बजाय खेती शुरू की क्योंकि खेती में उनकी रुचि है.

जैविक खेती करते हैं हरप्रीत
हरप्रीत सिंह गन्ने की जैविक खेती करते हैं. जब उनसे जैविक खेती में लाभ हानि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शुरुआत के एक दो साल में हानि होती है, बिल्कुल सही बात है. लेकिन तीसरे साल से मुनाफा होने लगता है. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि किसान पहले कम जगह में ही जैविक खेती की शुरुआत करें, फिर धीरे धीरे देखें, समझें और आगे बढ़े. आपको बता दें कि हरप्रीत सिंह को अपने जिले में जैविक खेती के लिए पहला पुरस्कार भी मिल चुका है।

फसल की Processing और Marketing भी करते हैं
हरप्रीत सिंह सिर्फ़ गन्ने की जैविक खेती ही नहीं करते, वह उसे प्रोसेसिंग कर कई तरह के टेस्ट और टेक्सचर का गुड़ बनाते हैं. इतना ही नहीं वो अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी करते हैं. उनका मानना है कि किसान सिर्फ़ खेती नहीं बल्कि अपने फसल की Processing और Marketing भी करे तब मुनाफा निश्चित है.

सहफसली खेती भी करते हैं हरप्रीत
हरप्रीत गन्ने की खेती के साथ में सहफसली खेती भी करते हैं, जिससे उनकी लागत निकल जाती है. न्यूज़ पोटली से हुई बात चित में उन्होंने बताया कि वो कैसे आर्गेनिक मल्चिंग तैयार करते हैं, जिसके लागत कम आने के अलावा और कई फायदे हैं. इस वीडियो में उन्होंने खेत की तैयारी से लेकर फसल की बुवाई और खाद पानी से लेकर उत्पादन तक पर विस्तार से बात की है.
देखिए वीडियो –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।