केंद्र सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 में 29.92 मिलियन टन गेहूं की खरीद की है. यह खरीद पिछले साल के मुकाबले 13 प्रतिशत ज्यादा है और बीते तीन वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीदने का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास 36.65 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक है, जो 1 जुलाई के लिए 27.58 मिलियन टन की बफर आवश्यकता से अधिक है.
देश के जिन चार राज्यों में गेहूं की सबसे ज्यादा खरीद हुई है, उनमें 11.93 मिलियन टन के साथ पंजाब पहले स्थान पर. मध्य प्रदेश 7.77 मिलियन टन के साथ दूसरे, हरियाणा 7.14 मिलियन टन के साथ तीसरे और राजस्थान 2.02 मिलियन टन के साथ चौथे स्थान पर था. कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) के दौरान गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 117.5 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.7 प्रतिशत अधिक है. गुरुवार को प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडी में औसत कीमतें पंजाब में 2,475 रुपए प्रति क्विंटल, मध्य प्रदेश में 2,521 रुपए प्रति क्विंटल, राजस्थान में 2,465 रुपए प्रति क्विंटल और हरियाणा में 2,425 रुपए प्रति क्विंटल थीं.
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3,000 मीट्रिक टन गेहूं स्टॉक रखने की अनुमति
भारत सरकार खाद्य पदार्थों की कीमतों पर कड़ी नजर रख रही है और उसने पूरे देश में थोक व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं पर स्टॉक सीमा लागू की है, ताकि जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोका जा सके, जिससे महंगाई बढ़ती है.
मई के अंतिम सप्ताह में जारी आदेश में थोक व्यापारियों को 3,000 मीट्रिक टन गेहूं स्टॉक रखने की अनुमति दी गई है. खुदरा व्यापारियों के लिए स्टॉक सीमा 10 मीट्रिक टन तय की गई है.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।