कृषि को विकसित बनाना और किसानों का जीवन बदलना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसान के खेत तक आधुनिक तकनीक पहुंचे और उसे सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 29 मई से 12 जून, 2025 तक ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ प्रारंभ किया जा रहा है। यह अभियान ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ की भावना को जोड़ कर पीएम मोदी के “लैब टू लैंड” के संकल्प को पूर्ण करेगा।
आज, सोमवार को कृषि मंत्री चौहान ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम कोई कर्मकांड नहीं, बल्कि किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का महायज्ञ है। जिसके अंतर्गत देशभर के 65,000 से अधिक गाँवों में वैज्ञानिक किसानों से सीधा संवाद करेंगे। देश के 723 जिलों में संचालित इस अभियान के माध्यम से 1.30 करोड़ से अधिक किसानों के साथ सीधा संवाद किया जाएगा। कार्यक्रम में मंत्रीगण, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि, तथा राज्य व केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी सहभागिता करेंगे। ICAR के वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, राज्यों के कृषि विभाग, कृषि विश्वविद्यालय, नवाचार से जुड़े संस्थान सभी एकजुट होकर, एक टीम के रूप में विकसित कृषि और समृद्ध किसान के लक्ष्य की ओर बढ़ेंगे। यह अभियान कृषि क्षेत्र में चमत्कार कर किसानों की तकदीर और कृषि की तस्वीर बदलेगा। मेरा सभी से आग्रह है कि इस क्रांतिकारी अभियान से जुड़ें और विकसित भारत के लिए विकसित कृषि बनाएं।
किसानों को जागरूक करना है मकसद
इस अभियान का मकसद खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों, पशुपालन, मुर्गीपालन, मत्स्यपालन आदि से संबंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में किसानों को जागरूक करना. किसानों के लिए उपयोगी विभिन्न सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में किसानों को जागरूक करना. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभों के बारे में किसानों को जागरूक करना ताकि उसमें उपलब्ध जानकारी के अनुसार उन्हें फसलों के चयन और उर्वरकों के उपयोग के बारे में जागरूक किया जा सके. साथ ही किसानों से फीडबैक लेना ताकि वैज्ञानिकों को उनके द्वारा किए गए नवाचार के बारे में पता चल सके और उसके अनुसार अनुसंधान को दिशा दे सकें.
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कार्यक्रम के तहत 1.30 करोड़ से अधिक किसानों से संपर्क किया जाएगा
उन्होंने बताया कि हर टीम रोज तीन ग्राम पंचायतों का दौरा करेगी और 500-600 किसानों से सीधे बात करेगी. इस कार्यक्रम के तहत 1.30 करोड़ से अधिक किसानों से सीधे संपर्क किया जाएगा और उनसे बात किया जाएगा. कार्यक्रम के तहत विशेष रूप से आदिवासी बहुल, आकांक्षी और प्रतिकूल परिस्थितियों वाले गांवों के किसानों को जागरूक किया जाएगा.
किसानों को दी जाएगी ट्रेनिंग
अभियान के अंतर्गत चर्चा के मुख्य विषय- प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार, किसानों को कृषि में ड्रोन तकनीक के उपयोग साथ ही नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के बारे में जानकारी के साथ-साथ विभिन्न आधुनिक तकनीकों को भी वीडियो के माध्यम से दिखाया जाएगा. किसानों को केंद्र एवं राज्य सरकार और कृषि के संबंधित विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. किसानों को खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली फसलों के उन्नत बीजों और तकनीकों की जानकारी दी जाएगी. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लाभों के बारे में किसानों को जागरूक करना ताकि उसमें उपलब्ध जानकारी के अनुसार फसलों के चयन और उर्वरकों के उपयोग की जानकारी दी जाएगी. किसानों को पशुपालन, मुर्गीपालन, मत्स्यपालन आदि से संबंधित आधुनिक तकनीकों जैसे पोषण, साइलेज, रोग और उसकी रोकथाम आदि के बारे में चर्चा की जाएगी.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।