एक महत्वपूर्ण पहल के तहत महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने राज्य में मछली पालन क्षेत्र को कृषि का दर्जा दे दिया. इससे मछुआरों को किसानों की तरह समान सुविधाएं और रियायतें मिल सकेंगी. सरकार के इस फैसले से मछली पालकों और मछली संरक्षणकर्ताओं को लाभ होगा, जो पानी, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं का दावा कर सकते हैं. राज्य के मछली पालन मंत्री नितेश राणे ने कहा कि इस फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी क्योंकि मत्स्य पालन अंशधारकों को विभिन्न बुनियादी सुविधाएं और सब्सिडी भी मिलेगी.
महाराष्ट्र कैबिनेट ने 22 अप्रैल को मछली पालन क्षेत्र को कृषि का दर्जा दे दिया है. मंत्री नितेश राणे ने कैबिनेट के इस कदम को ‘ऐतिहासिक और क्रांतिकारी’ बताया है. उन्होंने कहा कि इससे 4,83,000 मछुआरों को फायदा होगा. मंत्री ने कहा है कि महाराष्ट्र में मत्स्यपालन क्षेत्र में पारंपरिक कृषि की तरह ही पर्याप्त उत्पादन और आय उत्पन्न करने की क्षमता है. कृषि का दर्जा न होने के कारण मछुआरे, एक्वाकल्चर में लगे लोग और मछली पालक कई बुनियादी सुविधाओं और लाभ से वंचित थे.
किसानों की तरह मिलेगी सब्सिडी
मंत्री ने बताया कि इस फ़ैसले से राज्य में मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. जिस तरह किसानों को बीज, ट्रैक्टर, हल और उर्वरकों के लिए सब्सिडी मिलती है. उसी तरह मछुआरों को अब मछली के बीज, चारा, पैडल-व्हील एरेटर और एयर पंप खरीदने के लिए सब्सिडी मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से मछली पालकों और जल-पालकों को मछली के बीज और उत्पादन में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए किसानों के लिए फसल बीमा की तरह बीमा का दावा करने की अनुमति मिल गई है.
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सरकारी राहत पैकेज भी मिलेगा
नितेश राणे ने कहा कि सूखे या बहुत ज्यादा बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में मछुआरों को किसानों को दिए जाने वाले सरकारी राहत पैकेज के समान ही राहत पैकेज मिलेंगे. उनका कहना था कि मछली पालन को खेती का दर्जा देने से तटीय और अंतर्देशीय क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आय में वृद्धि होगी. चूंकि मछुआरों को अब कृषि किसानों के रूप में मान्यता दी गई है. इसलिए उन्हें बिजली शुल्क पर सब्सिडी मिलेगी.
सस्ती दरों पर लोन भी मिलेगा
मंत्री ने आगे कहा कि मछली पालकों, मत्स्य विकास परियोजनाओं, संबंधित कारखानों और प्रोसेसिंग यूनिट्स को कृषि दरों पर बिजली मिलेगी. मछली पालक किसान क्रेडिट कार्ड, बैंकों से कृषि दर पर ऋण और सब्सिडी वाली कृषि दरों पर बीमा कवरेज के योग्य होंगे. उन्होंने कहा कि मछली पालन क्षेत्र विदेशी मुद्रा आय और देश के लिए प्रोटीन से युक्त फूड सप्लाई में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।