जिन किसानों ने अभी तक गन्ना नहीं बोया है और बोना चाहते हैं लेकिन उन्हें लगता है कि समय निकल गया है तो ऐसा नहीं है, आपके पास अभी भी समय है। उत्तर प्रदेश के धुरंधर गन्ना किसान अमर सिंह कहते हैं कि गन्ना बोने का सबसे उपयुक्त समय 15 मार्च से 10 अप्रैल तक है। वो करीब 40 एकड़ में जूस वाले गन्ने की खेती करते हैं। वो अपने तरीके से खेती करके प्रति एकड़ 600-800 क्विंटल की पैदावार लेते हैं।किसान अमर सिंह ने किसानों से समय पर बुवाई के अलावा अच्छी उपज लेने के लिए खेत की तैयारी, बीज की किस्म आदि बातों पर ध्यान देने को कहा है।
गन्ना भारत में सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में से एक है। भारत में इसकी खेती देश की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण आजीविका के लिए एक प्रमुख कृषि गतिविधि है। यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में उगाया जाता है , तथा इन क्षेत्रों की विविध जलवायु परिस्थितियों का लाभ उठाता है। इस फसल को इष्टतम विकास के लिए गर्म जलवायु, पर्याप्त जल आपूर्ति तथा अच्छी जल निकासी वाली, उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है।
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उत्तर प्रदेश में गन्ने का उत्पादन सबसे अधिक
भारत में गन्ने की खेती सबसे ज़्यादा यूपी में होती है वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती लगभग 28.53 लाख हेक्टेयर में की जाती है, और प्रति एकड़ गन्ना उत्पादन करीब 839 क्विंटल है, लेकिन मुजफ्फरनगर के गन्ना किसान अमर सिंह खेती के अपने तरीके से प्रति एकड़ 600-800 क्विंटल की पैदावार लेते हैं। वो करीब 40 एकड़ में जूस वाले गन्ने की खेती करते हैं। उन्होंने गन्ने की कई वैरायटी लगा रखी है। वो गन्ने के साथ सहफसली खेती भी करते हैं, उनका मानना है कि, सहफसली खेती से दोनों फसलों की लागत निकल जाती है, ऐसे में एक तरह से देखें की गन्ने की बुवाई खर्च जीरों हो जाता है। उनका कहना है कि, गन्ने की खेती का ये तरीका अपनाकर किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकता है।
अमर सिंह के गन्ने की खेती के टिप्स जानने के लिए पूरा वीडियो देखिए..
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।