कोसी मेची अंतर-राज्यीय संपर्क प्रोजेक्ट में मौजूदा पूर्वी कोसी मुख्य नहर (ईकेएमसी) के पुनर्निर्माण के माध्यम से बिहार में स्थित महानंदा बेसिन में सिंचाई के विस्तार के लिए कोसी नदी के अतिरिक्त जल के एक हिस्से को मोड़ने और ईकेएमसी को आरडी 41.30 किमी पर इसके अंतिम छोर से आगे आरडी 117.50 किमी पर मेची नदी तक बढ़ाने का विचार किया गया है, ताकि बिहार से होकर बहने वाली कोसी और मेची नदियों को बिहार के भीतर एक साथ जोड़ा जा सके।
इस प्रोजेक्ट से बिहार के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में खरीफ मौसम में 2,10,516 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त वार्षिक सिंचाई उपलब्ध होगी। इस प्रोजेक्ट में प्रस्तावित लिंक नहर के माध्यम से कोसी के लगभग 2,050 मिलियन क्यूबिक मीटर अधिक पानी को मोड़ने/उपयोग करने की क्षमता है। इसके अलावा, मौजूदा ईकेएमसी के पुनर्निर्माण के बाद, मौजूदा पूर्वी कोसी मुख्य नहर के 1.57 लाख हेक्टेयर मौजूदा कमांड में सप्लाई की कमी दूर हो जाएगी।
6,282.32 करोड़ रुपये की इस प्रोजेक्ट की लागत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बिहार की कोसी मेची अंतर-राज्यीय लिंक प्रोजेक्ट को जल शक्ति मंत्रालय की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना/त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के अंतर्गत शामिल करने को मंजूरी दे दी है। सीसीईए ने 6,282.32 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस प्रोजेक्ट को मार्च, 2029 तक पूरा करने के लिए बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को भी स्वीकृति दी है।
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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) वर्ष 2015-16 के दौरान शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य खेतों तक पानी की पहुंच बढ़ाना और सुनिश्चित सिंचाई के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करना, खेतों में जल उपयोग दक्षता में सुधार करना, स्थायी जल संरक्षण पद्धतियों को लागू करना आदि है।
अब तक 63 प्रोजैक्ट्स पूरी हो चुकी हैं
केंद्र सरकार ने 2021-26 के दौरान 93,068.56 करोड़ रुपये (37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता) के समग्र लागत के साथ पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन को स्वीकृति दी है। पीएमकेएसवाई का त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) घटक प्रमुख और मध्यम सिंचाई प्रोजैक्ट्स के माध्यम से सिंचाई क्षमता का निर्माण करना है।
पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के अंतर्गत अब तक 63 प्रोजैक्ट्स पूरी हो चुकी हैं और अप्रैल, 2016 से 26.11 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित की गई है। 2012-22 से पीएमकेएसवाई 2.0 के एआईबीपी घटक के बाद नौ प्रोजैक्ट्स को शामिल किया गया है। कोसी मेची अंतर-राज्यीय लिंक प्रोजेक्ट इस सूची में शामिल दसवीं परियोजना है।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।