बिहार। बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों के साथ मखाना बोर्ड के गठन की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मखाना बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से बात की जाएगी। मंत्री ने कहा कि मखाना बोर्ड के बजट का 50% हिस्सा मखाना उत्पादन से जुड़े घटकों के लिए उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य में मखाना की खेती को बढ़ावा मिलने से किसानों को लाभ तो होगा ही साथ-साथ मखाना उद्योग का पूरा इकोसिस्टम भी मजबूत होगा, जिससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
कृषि मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते है कहा कि मखाना आधारित फसल चक्र को प्रोत्साहित किया जाए, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो। साथ ही किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और मार्केटिंग के लिए ट्रेनिंग देने की जरूरत है। इसके साथ ही मखाना को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बास्केट में शामिल करने पर भी विचार किया जाएगा। आपको बता दें कि देश के अंदर होने वाली मखाना की खेती का करीब 80 प्रतिशत से ज्यादा उत्पादन बिहार में होता है।
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मखाना के जैविक उत्पादन और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान
कृषि मंत्री ने कहा कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्वालिटी और प्रमाणन की अहमियत को देखते हुए, मखाना के जैविक उत्पादन और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इस तरह के कदम उठाने से बिहार के मखाना को प्रीमियम और वैश्विक पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड के गठन से न केवल किसानों की आमदनी में इजाफा होगा, बल्कि बिहार की अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
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