उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिये एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने ज़ायद फसलों को KCC और फसल बीमा के अन्तर्गत कर दिया है। इस फैसले के बाद किसान अब मूंगफली, मक्का, मूंग, उड़द, पपीता, लीची, तरबूज, खरबूज और आंवला जैसी फसलों के लिये KCC और फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकेंगे। इससे उन्हें कृषि कार्यों के लिये आसान लोन और प्राकृतिक आपदाओं से फसल क्षति पर क्षतिपूर्ति मिलेगी।
19 मार्च, 2025 को उत्तर प्रदेश सरकार ने जायद की 9 फसलों को किसान क्रेडिट कार्ड और फसल बीमा(PMFBY) के अंतर्गत शामिल करने का निर्णय लिया गया। KCC के तहत किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यदि किसान समय पर ऋण चुकता करते हैं तो 3% तक ब्याज में छूट भी दी जाती है। PMFBY के तहत यदि किसी किसान की फसल अकाल, अत्यधिक बारिश या अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो जाती है, तो उसे सरकार द्वारा बीमा राशि के रूप में मुआवजा दिया जाता है। इससे किसान आर्थिक संकट से बच सकते हैं।
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जायद फसलें कौन सी हैं?
जायद फसलें वो होती हैं, जो रबी और खरीफ मौसम के बीच की समय में उगाई जाती हैं। इन फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की क्षमता अधिक होती है। जायद की प्रमुख फसलों में खीरा, कद्दू, करेला, तरबूज, ककड़ी, गन्ना और मूँगफली जैसी फसलें शामिल हैं। उत्तर भारत में जायद की फसल आमतौर पर मार्च-अप्रैल में बोई जाती है।

मखाना की खेती के लिए भी मिलेगा लोन
इसके अलावा, मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए इसे स्केल ऑफ फाइनेंस में शामिल किया गया है, जिससे मखाना किसानों को भी लोन मिल सकेगा. किसान खरीफ और रबी की फसलों की बुवाई के लिए 2025-26 के लिए निर्धारित स्केल ऑफ फाइनेंस के अनुसार लोन पा सकते हैं.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।