यूपी के शामली और मुजफ्फरनगर का GI टैग वाला गुड़ पहुंचा बांग्लादेश, 30 मीट्रिक टन गुड़ किया गया निर्यात

बांग्लादेश को निर्यात किया गया

देश के कृषि निर्यात को बढ़ावा देते हुए मुजफ्फरनगर से 30 मीट्रिक टन (एमटी) जीआई-टैग वाले गुड़ की खेप को बांग्लादेश को निर्यात के लिए रवाना किया गया। यूपी का मुजफ्फरनगर अपने उच्च गुणवत्ता वाले गन्ने के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र है। एपीडा के तहत बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन (बीईडीएफ) ने 30 जनवरी, 2025 को गुड़ की खेप को रवाना किया।

यह पहल किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के माध्यम से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बांग्लादेश को गुड़ के सीधे निर्यात की शुरुआत का प्रतीक है। इस अवसर पर शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी ने मुजफ्फरनगर और शामली में उत्पादित गुड़ की बेहतर गुणवत्ता पर प्रकाश डाला, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काफी मांग है। उन्होंने निर्यात को सुविधाजनक बनाने में निरंतर सहयोग के लिए एपीडा को धन्यवाद दिया और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने में राज्य सरकार के समर्थन के महत्व पर जोर दिया।

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निर्यात से कृषक समुदाय को मिलेगा अधिकतम लाभ
एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव के दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए बीईडीएफ के संयुक्त निदेशक डॉ. रितेश शर्मा ने प्रत्यक्ष कृषि निर्यात के लिए एफपीओ को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि कृषक समुदाय को अधिकतम लाभ सुनिश्चित हो सके।
2023 में गठित बृजनंदन एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीसी) में 545 सदस्य हैं, जिनमें दो महिला निदेशक भी शामिल हैं। एफपीओ गुड़, गन्ना उत्पाद, बासमती चावल और दालों के निर्यात में लगा हुआ है। बीईडीएफ से प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता के साथ, इसके सदस्य अंतर्राष्ट्रीय उत्पादन और निर्यात मानकों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।

एपीडा की मदद से ये एफपीओ की सफलता की तीसरी कहानी
एपीडा की मदद से यह कृषि निर्यात में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से एफपीओ की सफलता की तीसरी कहानी है। इससे पहले 2023 और 2024 में नीर आदर्श ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने लेबनान और ओमान को बासमती चावल निर्यात किया था। यह उत्तर प्रदेश का एकमात्र एफपीओ है जिसे राज्य की कृषि निर्यात नीति के तहत 4 लाख रुपये की वित्तीय सहायता मिली है।इस अवसर पर बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन (एपीडा) ने बासमती चावल और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात संवर्धन पर एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किया। निर्यात-गुणवत्ता उत्पादन पर चर्चा में लगभग 220 किसानों ने भाग लिया।

यह पहल उत्तर प्रदेश के लिए कृषि निर्यात अवसरों का विस्तार करने, किसानों को सशक्त बनाने और भारत के कृषि क्षेत्र के टिकाऊ और लाभदायक भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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