बाज़ार में तुअर यानी अरहर दाल की मांग हमेशा बनी रहती है. इसलिए इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफ़ा मिलता है। केंद्र सरकार भी इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों से सौ प्रतिशत ख़रीद का वायदा किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने तुअर दाल किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने खरीफ वर्ष 2024 में तुअर उत्पादक 43 जिलों के रजिस्टर्ड किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹7550 पर मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा ख़रीद करने का फैसला लिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक़ राज्य सरकार ने 1 लाख 27 हजार मीट्रिक टन तुअर दाल खरीदी का टारगेट तय किया है. तुअर की खरीद नैफेड के ई-समृद्धि पोर्टल और एनसीसीएफ के संयुक्ति पोर्टल पर पहले से रजिस्टर्ड किसानों से भी की जाती है. केंद्र केंद्रीय नोडल एजेंसियों नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से किसानों से 100% तुअर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है.
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दलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने में योगदान देने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने और आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए सरकार ने खरीद वर्ष 2024-25 के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत तुअर, उड़द और मसूर के पूरे उत्पादन की खरीद को मंजूरी दी है.
बुवाई के लिये जून-जुलाई का महीना बेहतर
तुअर दाल का उत्पादन शुष्क और नमी वाले क्षेत्रों में किया जाता है. इसकी खेती के लिये अच्छी सिंचाई के साथ 18 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान बेहतर माना जाता है. इसलिये इसकी बुवाई के लिये जून-जुलाई का महीना बेहतर माना जाता है. अच्छी उपज लेने के लिये अरहर को मटियार दोमट मिट्टी या रेतीली दोमट मिट्टी में उगा सकते हैं.
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।