भारत सरकार ने घरेलू बाजार में दालों की कीमतें कम करने के लिए अहम फ़ैसला लिया है। आम लोगों की सुविधा के लिए सरकार कम दाम पर भारत ब्रांड के जरिये मूंग दाल की बिक्री शुरू करेगी। भारत में दालों की कीमतों में उतार-चढ़ाव और आम जनता के लिए महंगाई को कम करने के लिए भारत सरकार ने जुलाई 2023 में “भारत दाल” योजना शुरू की थी। इस पहल का उद्देश्य जनता को सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली दालें उपलब्ध कराना है। इसके तहत समय-समय पर चना दाल, मूंग दाल और अन्य दालें कम दामों पर बेची जाती हैं।
भारत दाल को “भारत चना दाल” के नाम से लॉन्च किया गया। जुलाई 2023 में, PSF (पब्लिक सप्लाई फंड) के चना स्टॉक को खुदरा निपटान के लिए चना दाल में बदल दिया गया और उपभोक्ताओं को 1 किलो के पैक के लिए 60 रुपये प्रति किलो और 30 किलो के पैक के लिए 55 रुपये प्रति किलो की रियायती दरों पर उपलब्ध कराया गया। इस योजना के पहले चरण में 12.32 लाख मीट्रिक टन चना दाल बेची गई।
यह दाल 1732 शहरों में 25023 स्टेशनरी आउटलेट और मोबाइल वैन के माध्यम से पूरे देश में बांटी गई। भारत दाल बांटने वाली एजेंसियों ने इस काम को पूरा करने के लिए जमीनी स्तर पर सक्रियता दिखाई, ताकि ये सस्ती दालें अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सकें। यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने बुधवार को लोक सभा में दी।
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मूंग दाल 60 रुपये प्रति किलोग्राम
भारत दाल की सफलता को देखते हुए इसमें मूंग दाल और मसूर दाल को शामिल करके इस योजना को बढ़ाया गया। पीएसएफ बफर में मूंग और मसूर के स्टॉक को मूंग दाल और मसूर दाल में बदल दिया गया है ताकि इन दालों को उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर दिया जा सके। मूंग दाल 60 रुपये प्रति किलोग्राम और मसूर दाल 89 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेची जा रही है।
12 मार्च 2025 तक 1.18 लाख मीट्रिक टन चना दाल बेचा गया
बताया गया है कि भारत चना दाल के दूसरे चरण के तहत 3 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त चना दाल को खुदरा वितरण के लिए दिया गया। इस चरण में चना दाल के 1 किलो पैक को 70 रुपये प्रति किलो की कीमत पर और 58 रुपये प्रति किलो के एमआरपी पर बेचा गया। 12 मार्च 2025 तक 1.18 लाख मीट्रिक टन चना दाल और 13,495 मीट्रिक टन चना साबुत बेचा जा चुका है।
इस चरण में 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 3051 स्थिर दुकानों, 8939 मोबाइल वैन और 9 प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से दालों की सप्लाई की गई.
भारत में दालों को लोगों के बीच बेचने में तीन केंद्रीय सहकारी संगठन शामिल हैं। NAFED, NCCF और केंद्रीय भंडार ।लोगों के बीच दालों को बेचने का काम इन संगठनों द्वारा उनकी दुकानों, मोबाइल वैन, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और बड़े खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से किया जाता है। इसके अलावा भारत चना दाल का मूल्यांकन भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) द्वारा किया गया था।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।