डेयरी के लिए पोषण से भरपूर साइलेज कैसे बनायें?

साइलेज

डेयरी बिज़नेस में पशुओं की देख भाल विशेष रूप से उनके खाने का ध्यान और उत्पाद की मार्केटिंग सबसे महत्वपूर्ण है। इस बिज़नेस में लगे लोगों का मानना है कि पशुओं के लिए पोषण से भरपूर चारा बहुत ज़रूरी होता है। हरदोई, उत्तर प्रदेश के सानिध्य अवध भी IT सेक्टर में शानदार करियर और लाखों के पैकेज को छोड़कर डेयरी का बिज़नेस करते हैं। और सफल भी हैं। न्यूज़ पोटली से उन्होंने पशुओं के लिए पोषण से भरपूर चारा तैयार करने का तरीक़ा साझा किया है, जिसे साइलेज भी कहा जाता है।

साइलेज एक high nutritious fodder है, जिसे मक्का, ज्वार, बाजरा और हरी घास जैसी फसलों का किण्वन (fermentation) करके तैयार किया जाता है। इसमें सूखे चारे की तुलना में ज्यादा पोषण होता है, और लगभग 16-17% तक प्रोटीन होती है। ये ना केवल पशुओं की सेहत के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि दूध के उत्पादन को भी बढ़ाने में सहायक माना जाता है।

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2021 में उन्होंने Amor Dairy Farm की नींव रखी और सिर्फ 3 गायों से अपने सफर की शुरुआत की। आज उनके फार्म में 80 से ज्यादा गायें हैं, जिनमें गिर, HF (होल्स्टीन फ्रिज़ियन) और जर्सी जैसी हाई क्वालिटी ब्रीड शामिल हैं। फिलहाल 30 milking cows से हर दिन 1000 लीटर दूध का उत्पादन होता है, साथ ही यहां घी, पनीर, मक्खन और छाछ जैसे दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स भी तैयार किए जाते हैं। सानिध्य अवध का मानना है कि. डेयरी फार्मिंग एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें अनुभव सबसे ज्यादा मायने रखता है। उन्होंने अपनी सफलता से ये साबित किया है कि अगर सही रणनीति अपनाई जाए तो डेयरी फार्मिंग से एक सफल बिजनेस खड़ा किया जा सकता है।

इस वीडियो में आप जानेंगे:
✅ साइलेज क्या होता है? – ये कैसे बनता है और पशुओं के लिए क्यों जरूरी है?
✅ साइलेज बनाने की प्रक्रिया – किस फसल या हरी घास का चुनाव करें और सही तरीका क्या है?
✅ कैसे स्टोर करें और कितने दिनों तक सुरक्षित रहता है?
✅ हरी घास और सूखे चारे से ये कैसे बेहतर है?
✅ क्या साइलेज से दूध उत्पादन और पशु की सेहत बेहतर हो सकती है?

साइलेज के फायदे:
✔ लंबे समय तक सुरक्षित – इसे 6 महीने से 1 साल तक बिना खराब हुए स्टोर किया जा सकता है।
✔ ज्यादा पोषण – इसमें हरी घास के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन और पोषक तत्व होते हैं।
✔ कम मेहनत और कम खर्च – बार-बार हरा चारा उगाने की जरूरत नहीं होती, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होती है।
✔ हर मौसम में उपलब्ध – बारिश और ठंड के समय भी आपके पशुओं को ताजा चारा मिलता है।
✔ पाचन में आसान – पशु इसे आसानी से पचा सकते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ता है। अगर आप अपने पशुओं के लिए बेहतर चारा चाहते हैं,

वीडियो देखिए-

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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