2025 में वैश्विक गेहूं उत्पादन 79.6 करोड़ टन तक पहुँचने की उम्मीद, धान उत्पादन में भी हो सकती है वृद्धि

वैश्विक गेहूं उत्पादन

बढ़ते तापमान के कारण इस वर्ष भारत में जहां गेहूं उत्पादन में गिरावट की संभावना जतायी जा रही है, वहीं FAO द्वारा जारी एक रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर गेहूं उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि की उम्मीद जतायी गई है. इतना ही नहीं, रिपोर्ट में 2024/25 में धान उत्पादन के रिकॉर्ड 54.3 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है. धान उत्पादन में यह वृद्धि भारत में अच्छी फसलों तथा कंबोडिया और म्यांमार में अनुकूल मौसम से प्रेरित है. FAO ने 2024 में वैश्विक अनाज उत्पादन के अपने पूर्वानुमान को बढ़ाकर 284.2 करोड़ टन कर दिया है, जो 2023 की तुलना में थोड़ा अधिक है.

2025 में वैश्विक गेहूं उत्पादन 79.6 करोड़ टन तक पहुंच सकता है. यह पिछले साल की तुलना में एक प्रतिशत ज़्यादा है. यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने वैश्विक स्तर पर अनाज उत्पादन के लिए जारी एक रिपोर्ट में दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक़ यूरोपियन यूनियन विशेष रूप से फ्रांस और जर्मनी में गेहूं उत्पादन में वृद्धि हो सकती है। FAO ने इन क्षेत्रों में अधिक गेहूं के बोए जाने का अनुमान जताया है।

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चावल की खपत में वृद्धि
रिपोर्ट में यह भी अनुमान जताया गया है कि 2024/25 में वैश्विक अनाज उपयोग 286.7 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। पिछले साल की तुलना में देखें तो यह एक फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि चावल की रिकॉर्ड खपत से प्रेरित है। वहीं दूसरी तरफ गेहूं का उपयोग स्थिर रहें का अनुमान है। एक ओर जहां खाद्य के रूप में गेहूं उपयोग घट सकता है। वहीं कारखानों में, विशेष रूप से चीन में इसका उपयोग बढ़ सकता है।

सर्दियों में फसलों पर सूखे के प्रभाव
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि पूर्वी यूरोप में शुष्क परिस्थितियां और पश्चिम में भारी बारिश से गेहूं की उपज प्रभावित हो सकती है। अमेरिका में गेहूं के रकबे में वृद्धि होने की उम्मीद है, लेकिन साथ ही यह भी अंदेशा जताया गया है कि सर्दियों में फसलों पर सूखे के प्रभाव के चलते पैदावार में थोड़ी गिरावट आ सकती है।

वैश्विक अनाज भंडार में 1.9 फीसदी की गिरावट
FAO को अंदेशा है कि वैश्विक अनाज भंडार में 1.9 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इस तरह 2025 में वैश्विक अनाज भंडार 86.93 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। रूस और यूक्रेन में बढ़े हुए स्टॉक को अन्य स्थानों में कमी से संतुलित किए जाने की उम्मीद है। FAO के मुताबिक स्टॉक-टू-यूज अनुपात के करीब 29.9 फीसदी तक गिरने की आशंका है, लेकिन इसे अभी भी संतोषजनक स्तर माना जा रहा है।
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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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