केंद्र और राज्य सरकारें देश में खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसे में सरकार किसानों की मदद के लिए कई सारी योजनाएँ चला रही है। ‘राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन’ भी इसी क्रम में शुरू की गई एक योजना है। इसके तहत किसानों और मधुमक्खी पालन करने वालों को सरकार ट्रेनिंग और उपकरण के लिए सब्सिडी दे रही है।
मधुमक्खियाँ बेहतर खाद्यान्न उत्पादन और हमारे पर्यावरण दोनों के लिए बहुत ज़रूरी हैं। ख़ास कर उन फसलों के लिए जिनमें फूल निकलते हैं। ऐसे में सरकार सब्सिडी देकर इसको बढ़ावा दे रही है। इसके ज़रिए सरकार शहद उत्पादन को भी बढ़ावा दे रही है।ताकि वे शहद उत्पादन को एक लाभकारी व्यवसाय बना सकें।
मधुमक्खी मिशन क्या है?
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन की शुरुआत भारत सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत की थी। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य किसानों को मधुमक्खी पालन की कला सिखाना और शहद उत्पादन को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से न केवल शहद का उत्पादन बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, बल्कि इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता में वृद्धि, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करना भी है।
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इस योजना के तहत क्या मिलता है?
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत किसानों और छोटे उद्यमियों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण पहल है मधुमक्खी पालन से जुड़े उपकरणों पर सब्सिडी। इस योजना के माध्यम से मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक उपकरणों और प्रशिक्षण पर सब्सिडी दी जाती है, जिससे किसानों और उद्यमियों को कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण प्राप्त हो सकते हैं।
कितना मिलेगा सब्सिडी का लाभ?
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत, मधुमक्खी पालन से जुड़े उपकरणों और ट्रेनिंग पर 40-60% तक की सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी किसानों को कम लागत में आवश्यक उपकरण प्राप्त करने में मदद करती है, जिससे वे अधिकतम लाभ कमा सकते हैंऽ। यह योजना मुख्य रूप से उन किसानों, ग्रामीण उद्यमियों और शहद उत्पादन के क्षेत्र में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिए है। जो मधुमक्खी पालन में निवेश करना चाहते हैं या पहले से ही इस व्यवसाय में शामिल हैं।
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।