किसानों को खाद की किल्लत से बचाने के लिए सरकार ने जनवरी 2025 में खाद के आयात में भारी बढ़ोतरी की है। खासकर डीएपी और यूरिया के आयात बढ़ाई गई है। ऐसा माना जा रहा है कि, इस पहल से किसानों को खरीफ सीजन में खाद कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सरकार ने खाद की कमी को पूरा करने को लेकर गंभीरता दिखाई है, और इस बार खादों का आयात जनवरी में ही दोगुना होकर 12.31 लाख टन पहुंच गया। खासकर डीएपी के आयात में बढ़ोत्तरी हुई है, जो पिछले साल के 0.44 लाख टन से बढ़कर 2.27 लाख टन हो गया है। इसके अलावा यूरिया का आयात भी 5.54 लाख टन तक पहुंच गया है, जो पिछले साल से कहीं अधिक है।
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सरकार ने खाद के आयात को लेकर जो निर्णय लिया है, उसका उद्देश्य अगले खरीफ सीजन तक पर्याप्त स्टॉक बनाए रखना है, ताकि किसानों को खाद की आपूर्ति में कोई समस्या न आए। पिछले साल रबी सीजन के दौरान खाद की कमी से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद सरकार ने आयात बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया है।
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सरकार ने मुताबिक, किसानों को डीएपी पर दी जाने वाली सब्सिडी जारी रहेगी। इससे किसानों को 50 किलो डीएपी का बैग सिर्फ 1350 रुपये में मिलेगा, जबकि पड़ोसी देशों में यह कीमत 3000 रुपये या उससे अधिक है।