छोटी जोत वाले किसानों के लिए मिसाल हैं यूपी के किसान राम प्रवेश मौर्य…जानिए उनकी खेती का तरीक़ा

ONION FARMING


यूपी। साल 2019 के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के मुताबिक, भारत में दो हेक्टेयर से कम ज़मीन वाले किसानों का प्रतिशत लगभग 85% था. यानी, देश के ज़्यादातर किसानों के पास एक हेक्टेयर से भी कम ज़मीन है. भारत में ज़्यादातर किसान छोटे और सीमांत किसान हैं. छोटे किसान वे होते हैं जो अपने खेतों में फसल उगाने के लिए अपने श्रम और संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं. उन्हीं किसानों में से एक हैं उत्तर प्रदेश के बहराइच के किसान राम प्रवेश मौर्य, जिन्होंने केवल 1 हेक्टेयर भूमि में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है.

खेती को घाटे का सौदा ना मानने वाले राम प्रवेश ने 2013 में अपनी दुकान बंद कर खेती में अपनी यात्रा शुरू की, जिसके बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह से खेती में लाग दिया. अब, वह प्याज पर विशेष ध्यान देने के साथ सब्जियों की भी खेती करते हैं, जिसे वह हरे प्याज और सूखे प्याज़ के साथ ही सब्ज़ियों से भी अच्छी कमाई करते हैं. उनके खेती का तरीक़ा फ़सल का सही चुनाव कम खेत में भी अच्छा मुनाफ़ा देती है.

ये भी पढ़ें – कीट नियंत्रण के लिए कीटनाशक का नहीं IPM का इस्तेमाल करें, कम लागत में अच्छी पैदावार होगी

आपको बता दें कि कृषि, भारत में आजीविका का सबसे बड़ा ज़रिया है. देश के 70% ग्रामीण परिवार अपनी ज़रूरत के लिए मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर हैं. हाल ही में आयी आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय कृषि क्षेत्र, देश की कुल आबादी का 42.3% हिस्से को आजीविका देता है. मौजूदा कीमतों पर, देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी 18.2% है. तो सोचिए खेती किसानी हमारे आपके और देश की अर्थव्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण है.

तकनीक है ज़रूरी
किसान राम प्रवेश खेती में तकनीक को बहुत ही ज़रूरी मानते हैं. प्याज की खेती की सफलता के लिए वो बताते हैं कि एक बीघे से वह 25-30 क्विंटल प्याज की पैदावार लेते हैं, जिसे 2000 रुपये प्रति क्विंटल तक बेच सकते हैं. अकेले हरे प्याज की पैदावार लगभग ₹1 लाख प्रति बीघे होती है, जिसमें केवल ₹7,000-8,000 का खर्च आता है.

सब्जियों की नर्सरी

राम प्रवेश अपने ज़िले के पहले किसान हैं, जिन्होंने ख़रीफ़ सीजन में प्याज़ की फ़सल लगायी और उसे कामयाब भी किया. इसके अलावा उन्होंने एक बीघे में एक अच्छी नर्सरी भी लगायी है, जिसमें फूलगोभी, लाल पत्तागोभी, ब्रोकोली, टमाटर, मिर्च और बैंगन जैसे विभिन्न गुणवत्ता वाले पौधे उपलब्ध हैं. बहराईच, लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ, अयोध्या और गोंडा सहित आस-पास के जिलों के किसान अक्सर उनकी पौध खरीदने के लिए आते हैं. इसके अलावा वो ऑनलाइन भी बेचते हैं.

वीडियो देखिए –

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *