नई दिल्ली। आज, 31 जनवरी को बजट सेशन के शुरू होने से पहले संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने पर भी ध्यान दे रही है. इस बात का भी जिक्र किया कि भारत ने 2023-24 में 32.2 करोड़ टन का रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन हासिल किया है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पिछले महीने पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाखों किसानों को 41,000 करोड़ रुपये वितरित किए गए. उन्होंने सहकारिता के माध्यम से समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की मंजूरी पर भी बात की.
मुर्मू ने उत्पादन को बढ़ावा देने और खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को दी गई मंजूरी का भी जिक्र किया.
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MSP पर बात की
उन्होंने कहा कि सरकार ने रबी व खरीफ दोनों फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) में लगातार बढ़ोतरी की है, तथा पिछले दशक में गेहूं, दालों, तिलहनों और मोटे अनाजों पर तीन गुना अधिक धनराशि खर्च की है.
DAP के लिए अतिरिक्त सब्सिडी दी गई
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले छह महीनों में किसानों को 109 उच्च उपज वाली, जलवायु-अनुकूल और जैव-संवर्धित बीज किस्में उपलब्ध कराई गई हैं. किफायती डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरकों के लिए अतिरिक्त सब्सिडी के साथ एक विशेष पैकेज की घोषणा की गई है.
‘मिशन मौसम’ की शुरुआत की गई
मुर्मू ने मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जलीय कृषि को प्रोत्साहन और 2,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मिशन मौसम की शुरुआत का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को लाभ होगा.
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