भारत में दाल की खेती प्रमुखता से की जाती है. दालें हमारे आहार का अहम हिस्सा हैं इसलिए बाज़ार में मांग हमेशा बनी रहती है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक़ भारत विश्व में दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक (वैश्विक उत्पादन का 25%), उपभोक्ता (विश्व खपत का 27%) और आयातक (14%) है. खबर है कि भारत का दाल आयात कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान लगभग दोगुना होकर रिकॉर्ड 66.33 लाख टन हो गया है. यह आयात शुल्क मुक्त करने के सरकार के कदम के बाद हुआ है, ताकि आपूर्ति को बढ़ावा दिया जा सके और वर्ष के दौरान घरेलू उत्पादन में कमी के कारण कीमतों को नियंत्रित रखा जा सके.
सरकारी अनुमान के अनुसार, भारत का दलहन उत्पादन, जो 2015-17 में 163.23 लाख टन से बढ़कर 2021-22 के दौरान 273.02 लाख टन हो गया, 2023-24 में गिरकर 242.46 लाख टन हो गया है. क्योंकि अनिश्चित जलवायु ने उत्पादन को प्रभावित किया है. यहां तक कि खरीफ 2024-25 सीजन में भी उत्पादन पिछले सीजन के 69.74 लाख टन से थोड़ा कम यानी 69.54 लाख टन रहने का अनुमान है. आपूर्ति बढ़ाने के लिए, सरकार ने पहले ही तुअर के लिए मुफ्त आयात विंडो को 21 मार्च, 2026 तक बढ़ा दिया है.
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चना का आयात बढ़कर हुआ चार गुना
रिपोर्ट में मुताबिक़ अरहर और उड़द का आयात 12.33 लाख टन और 7.65 लाख टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर क्रमशः अनुमानित है. हालांकि 2023 की तुलना में 2024 में मसूर (दाल) का आयात कम हुआ है, फिर भी भारतीय आयातकों ने 10.93 लाख टन से अधिक में खरीददारी की है.
2023 में भारत का मसूर आयात रिकॉर्ड 16.81 लाख टन पर पहुंच गया. चना का आयात भी एक साल पहले के 1.31 लाख टन से चार गुना बढ़कर 2024 में 5.74 लाख टन से अधिक हो गया.
पीली मटर के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट 28 फरवरी, 2025 तक
दाल के आयात में बढ़ोतरी के मुख्य कारण में पीली मटर के इंपोर्ट को ड्यूटी फ्री करना शामिल है, जिसके बाद इसकी खेप में बढ़ोतरी हुई और लगभग 29.68 लाख टन पीली मटर दाल के आयात का अनुमान है. पिछले साल चने का उत्पादन घटने के अनुमान के चलते सरकार ने दिसंबर 2023 में पीली मटर के आयात को ड्यूटी फ्री कर दिया था. अब पीली मटर के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट 28 फरवरी, 2025 तक होगा.
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।