देशभर में रबी फसल की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुताबिक़ 27 जनवरी 2024 तक रबी फसल की बुआई 655.88 लाख हेक्टेयर से अधिक में हो चुकी है. रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बात करें तो इस साल 324 लाख हेक्टेयर से अधिक रकबा पहुंच चुका है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में 315 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई थी. इस बीच कृषि वैज्ञानिक यह भी अनुमान जता रहे हैं कि धीरे-धीरे तापमान में बढ़ोतरी होने से गेहूं की फसल को हल्का नुकसान हो सकता है, इसलिए वैज्ञानिकों ने गेहूं की देखभाल के लिए एडवाइज़री जारी की है.
वर्तमान में धीरे-धीरे दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है. फरवरी महीने के पहले सप्ताह से तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है. इस दौरान गेहूं की खेती से अच्छी पैदावार के लिए क्या उपाय करना चाहिए. इसके लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार हरियाणा के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एडवाइज़री जारी की है.
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1. दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस व रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है, तब तक किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है. रात व दिन का तापमान मिलाकर औसत 22 डिग्री सेल्सियस गेहूं की पैदावार के लिए सबसे उत्तम माना गया है.
औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक को फसल सहन कर सकती है, पर दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर गेहूं के बनने वाले दानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
2. बढ़े हुए उच्च तापमान से बचने के लिए किसानों को आवश्यकता अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाता है. जब तेज हवा चल रही हो तो सिंचाई रोक दें अन्यथा फसल के गिरने से नुकसान हो सकता है.
3. जिन किसान भाइयों के पास फव्वारा सिंचाई की सुविधा है वे दोपहर को तापमान वृद्धि के समय आधा घंटा फव्वारे से सिंचाई कर सकते हैं.
4. गेहूं में बालियां निकलते समय या अगेती गेहूं की बालियां निकली हुई हैं तो भी 0.2 प्रतिशत पोटाशियम क्लोराइड यानी कि 400 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश (पोटाश खाद) 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करने से तापमान में अचानक हुई वृद्धि से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. पछेती बिजी हुई गेहूं में पोटाशियम क्लोराइड का छिड़काव 15 दिनों के अंतराल पर दो बार किया जा सकता है.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।