लखनऊ। 4 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली UP-AGREES परियोजना का शुरुआत किया गया. इसका मुख्य उद्देश्य कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र को चिन्हित करना, प्रमुख फसलों की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि, विशिष्ट कृषि उत्पादों को बढ़ावा देना, फसल तैयार होने के बाद प्रबंधन और बाजार समर्थन प्रणाली को विकसित करना है. इसके पहले चरण में राज्य के आठ संभागों (कमिश्नरी) के 28 जनपद चुने गये हैं. यह परियोजना 6 वर्ष की होगी.

लखनऊ में ‘उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग’ (UP-AGREES) प्रोजेक्ट का शुभारम्भ किया गया. मुख्यमंत्री योगी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि UP-AGREES प्रोजेक्ट के माध्यम से अन्नदाता किसानों की आय में वृद्धि होने से उनके परिवार के खुशहाल जीवन एवं उनकी उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा. इसमें 2,737 करोड़ रुपये का लोन विश्व बैंक से मिला है, जबकि बाक़ी का 1,166 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने वहन करेगी.
देश के खाद्यान्न निर्यात में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश की करीब 17% जनसंख्या रहती है, वहीं खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान 23% से अधिक है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश गेहूं, आलू, आम, अमरूद, मटर, मशरूम, तरबूज और शहद आदि के उत्पादन में देश में शीर्ष पर है. इसके अलावा देश के सब्जी उत्पादन में 15% और फल उत्पादन में 11% हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के खाद्यान्न निर्यात में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है. ऐसे में UP-AGREES परियोजना प्रदेश के निर्यात की संभावनाओं को आगे ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी.

2,737 करोड़ रुपये का लोन विश्व बैंक से मिला
उन्होंने कहा कि यह किसानों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए अच्छी शुरुआत है. 4 हजार करोड़ रुपये की यूपी एग्रीज (UP-AGREES) परियोजना के लिए 2,737 करोड़ रुपये का लोन विश्व बैंक से मिला है, जबकि राज्य सरकार ने 1,166 करोड़ रुपये का अंशदान किया है.
ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।