बिहार सरकार राज्य में किसानों को मल्चिंग तकनीक लगाने के लिए सब्सिडी दे रही है। मल्चिंग से खेती में बहुत फ़ायदे होते हैं।इसके प्रयोग से पौधों में सिंचाई के लिए कम पानी लगता है और नमी बनी रहती है।खार पतवार को भी नियंत्रित करता है ये। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को यहाँ आवेदन करना होगा।
खेती में किसानों की मेहनत और संसाधनों की बचत के लिए अब नई कृषि तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें भी खूब बढ़ावा दे रही हैं ताकि किसानों की आय बढ़े और उत्पादन भी। इसके लिए किसानों को तरह तरह की सब्सिडी दी जाती है।
अब बिहार सरकार राज्य के किसानों को अपने खेतों में मल्चिंग तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है। सरकार का मानना है कि इसकी मदद से बागवानी फसलों से काफी बेहतर उत्पादन मिलता है। यह तकनीक पानी की कमी वाले राज्यों के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इन्हीं फायदों को देखते हुए बिहार सरकार राज्य में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने और उसकी खेती में सुविधा के लिए किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है। इसकी जानकारी बिहार कृषि विभाग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के ज़रिए दिया है।
मल्चिंग तकनीक के फायदे
1. पौधों की जड़ों का विकास सुचारू रूप से होता है।
2. खरपतवार रोकने में मदद मिलती है।
3. इससे खेती में नमी की मात्रा बनी रहती है।
4. तापमान नियंत्रण रहता है।
5. मल्चिंग द्वारा मिट्टी के कटाव को रोका जा सकता है।
ये सभी चीजें उत्पादन की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों बढ़ाने में मदद करती हैं।
ऐसे लगाया जाता है मल्चिंग
किसी भी तकनीक का प्रयोग सही तरीक़े से किया जाए तो रिजल्ट ज़्यादा अच्छा आता है। इसी तरह से मल्चिंग तकनीक के प्रयोग का भी तरीक़ा है।
1. खेतों में सीधा प्लास्टिक मल्चिंग बिछाने के बजाय बैड बनाकर ही प्लास्टिक को बिछाएं. इसके लिए सुबह या शाम का समय ही सही रहता है.
2. हमेशा अच्छी क्वालिटी की प्लास्टिक मल्चिंग का ही इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे प्लास्टिक के नैनो कण मिट्टी में ना मिल पाएं और मिट्टी प्रदूषण को रोका सकें.
3. हमेशा प्लास्टिक मल्चिंग के छेदों के हिसाब से ही ड्रिप सिंचाई की पाइप में छेद बनाना चाहिए, जिससे पानी की बर्बादी ना हो और बूंद-बूंद पानी सीधा फसल की जड़ों तक पहुंच सके.
4. प्लास्टिक मल्चिंग को फटने या उड़ने से बचाने के लिए चारों तरफ से मिट्टी की कवरेज देनी चाहिए. इस तकनीक का प्रयोग करने पर बागवानी फसलों में कीट-रोगों का खतरा भी कम ही रहता है.
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
बिहार कृषि विभाग की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक, बिहार सरकार राज्य में मल्चिंग तकनीक को बढ़ावा देने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी दे रही है। इसके तहत किसानों को मल्चिंग तकनीक लगाने पर इकाई लागत का 50 फीसदी राशि दी जाएगी। ये राशि किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर की जाएगी। इससे किसानों को खेती करने में आसानी होगी।
यहां करें आवेदन
इसके लिए किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए किसान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के लिंक horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा किसान अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
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