खरीफ सीजन: दलहन, तिलहन और श्री अन्न का बुवाई एरिया बढ़ा लेकिन कपास के एरिया में 11.37 लाख हेक्टेयर की गिरावट

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के आज 2 सितंबर को खरीफ सीजन की फसलों के बुवाई आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के मुताबिक़ अभी तक ख़रीफ़ फसल की कुल बुवाई 1087 लाख हेक्टेयर से ज्यादा हो चुकी है.



खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान(चावल) है, जिसकी 2018 से 23 तक औसत बुवाई 401.55 लाख हेक्टेयर थी और पिछले वर्ष 2023 में धान की बुवाई 393.57 लाख हेक्टेयर में हुई थी. जबकि वर्तमान वर्ष 2024 में अभी तक 408.72 लाख हेक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी है.
आंकड़ों के मुताबिक़ धान के साथ-साथ दलहन, तिलहन, मोटा अनाज और गन्ने की खेती की एरिया पिछले साल के मुक़ाबले बढ़ी है. लेकिन जूट, मेस्टा और कपास की एरिया में गिरावट देखने को मिल रही है.

अरहर में वृद्धि लेकिन उड़द ने आई कमी

कुल दलहन क्षेत्र में पिछले साल के मुक़ाबले वृद्धि हुई है. वर्ष 2023 में अभी तक दलहन की बुवाई 116.66 लाख हेक्टर में हुई थी। जबकि इस वर्ष 125.13 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है. अरहर की बात करें तो पिछले अब तक साल 40 .74 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई रही जबकि इस वर्ष 45 .78 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है.
लेकिन उड़द की बुवाई में गिरावट आई है. इसकी कुल बुवाई 29.62 लाख हेक्टेयर में हुई है जो पिछले साल 31.42 लाख हेक्टेयर थी.

श्री अन्न की बुवाई में 7 लाख हेक्टेयर से ज़्यादा की वृद्धि

अभी तक 187.74 लाख हेक्टेयर में श्री अन्न की बुवाई हो चुकी है जो पिछले वर्ष समान समय में 181.06 लाख हेक्टेयर थी. आंकड़ो के मुताबिक़ पिछले साल के मुक़ाबले ज्वार, रागी, मक्का में वृद्धि हुई है लेकिन बाजरा में कमी आयी है.

तिलहन की बुवाई भी बढ़ी

तिलहन की कुल बुवाई 190.63 लाख हेक्टेयर में हुई है जो की पिछले वर्ष से 1.8 लाख हेक्टेयर है. मूँगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी में वृद्धि लेकिन तिल और रामतिल में गिरावट।



कपास के एरिया में 11.37 लाख हेक्टेयर की गिरावट

पिछले साल के मुक़ाबले गन्ने की बुवाई .57 लाख से बढ़ी है जबकि जूट, मेस्टा और कपास की एरिया में काफ़ी गिरावट आई है. अभी तक 111.74 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई ही हो पायी है जबकि पिछले साल ये 123.11 लाख हेक्टर थी.
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Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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