कपास के लिए कलंक बनी ‘गुलाबी सुंडी’ की काट मिली, ICAR की ये मशीन देगी कपास किसानों को सहारा

बीते कुछ दिनों में हमने हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों से कई तस्वीरें देखीं जहां गुलाबी सुंडी के प्रकोप में आई अपनी कपास की फसल किसान खुद नष्ट कर रहे थे. न्यूज पोटली ने ऐसी कई खबरों को रिपोर्ट किया. किसानों का कहना था इसका हल सरकार और वैज्ञानिकों के पास भी नहीं. लेकिन अब उन्हीं किसानों के लिए अच्छी खबर आई है. देश के कृषि क्षेत्र में जरूरी संसाधनों के लिए रिसर्च करने वाली एक संस्था है ICAR. माने Indian council for Agricultural Research. इसके अंतर्गत एक और संस्था आती है उसका नाम है CICR यानी Central Institute for Cotton Research.
ICAR-CICR कपास की फसल से जुड़ी जरूरी रिसर्च करती है. इसी संस्था ने गुलाबी सुंडी नाम की इस मुसीबत से कपास किसानों को मुक्त करने के लिए कुछ नया खोजा है.
ICAR-CICR ने गुलाबी सुँडी का असर कम करने के लिए एक मशीन तैयार की है जिसका नाम है AI फेरोमोन ट्रैप. इस मशीन का इस्तेमाल कर के किसान अपने कपास के खेतों में लगी गुलाबी सुंडी को खत्म कर पाएंगे.

गुलाबी सुंडी से कैसे लड़ेगी मशीन?

इस मशीन का इस्तेमाल गंध के जरिए किया जाएगा. फेरोमैन ट्राइप नाम की ये मशीन किसान के खेत में एक ऐसी गंध छोड़ेगी जिससे कपास के पौधों में लगी गुलाबी सुंडी उस गंध की ओर आकर्षित होंगी और बस उनके आकर्षित होते ही मशीन अपना काम कर देगी. खास बात ये है कि ये मशीन पूरी तरह AI यानी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस बेस्ड है. खेतों में लगे हुए कीड़ों के बारे में जानकारी, उनकी संख्या और खेत में वो कीड़े क्या नुकसान कर रहे हैं – ये सारी डिटेल्स किसान तक इस मशीन की मदद से पहुंचेंगी. इन आंकड़ों के बाद ये मशीन किसानों को सलाह भी देगी कि कीटो से बचने के लिए किसानों को क्या करना होगा. हालांकि ये मशीन खास तौर पर उन इलाकों में ज्यादा कारगर साबित हो सकती है जहां गुलाबी सुंडी का प्रकोप ज्यादा है लेकिन खास बात ये है कि जहां गुलाबी सुंडी का प्रकोप कम है या ना के बराबर भी है, वहाँ ये किसानों को पहले से सावधान कर देगी. अगर गुलाबी सुंडी के प्रकोप का शुरुआती दौर ही हो और किसान वक्त रहते ही उसका निराकरण कर लें –ये सब इस मशीन के जरिए हो सकता है.

इन राज्यों को होगा फायदा


कपास उत्पादन के लिए देश के कई राज्य जाने जाते हैं. इनमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक मुख्य कपास उत्पादक राज्य हैं. बीते दिनों कृषि मंत्रालय की ही रिपोर्ट आई थी जो कह रही थी कि कपास की खेती का रकबा देश में घट रहा है. और जिन किसानों ने भी कपास की खेती छोड़ी, उन सबने खेती छोड़ने का एक कारण गुलाबी सुंडी का लाइलाज होना ही बताया. अगर ये मशीन अपने उद्देश्य में सफल होती है तो ये उन किसानों के लिए बहुत बड़ा वरदान होगी जो अभी भी अपनी कपास में गुलाबी सुंडी का प्रकोप लिए किसी उम्मीद की बाट जोह रहे हैं.

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