बिहार में अच्छी क्वालिटी की चाय की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके लिये राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में चाय विकास योजना शुरू की है। इसके तहत सरकार राज्य के पाँच जिलों में किसानों को चाय की खेती पर 2.47 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है।
बिहार सरकार उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग की ओर से चाय विकास योजना की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य राज्य में चाय की खेती का विस्तार करना है। इसके लिए राज्य में किसानों को खेती की शुरुआत करने के लिए और जो किसान पहले से चाय की खेती कर रहे हैं दोनों को सहायता राशि दी जा रही है। जिससे किसान खेती के प्रबंधन के लिए जरुरी चीजें ले सकें और अच्छी क्वालिटी की चाय का उत्पादन कर अपनी आय में अधिक से अधिक बढ़ोतरी हो सके। यह योजन राज्य के किशनगंज, अररिया, सुपौल, पूर्णियाँ और कटिहार जिले के किसानों के लिए है।
योजना के तहत चाय की खेती करने वाले किसानों को दो किस्तों में अनुदान दिया जाएगा। अनुदान की राशि किसानों को 75:25 के रेशियो में दिया जाएगा। अनुदान की 75% राशि प्रथम वर्ष और बाक़ी की 25% की राशि अगले साल पौधे का 90% पौधा जीवित रहने की स्थिति में दिया जाएगा।
बिहार सरकार उद्यान निदेशालय के मुताबिक, चाय का नया क्षेत्र विस्तार के लिए प्रति हेक्टेयर प्रति यूनिट लागत 4.94 लाख रुपये तय की गई है। इस पर किसानों को 50% (75:25) अनुदान मिलेगा। यानी राज्य सरकार किसान को 2.47 लाख रुपये की सब्सिडी देगी। चाय किसानों को न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर और अधिकतम 4 हेक्टेयर के लिए सब्सिडी मिलेगी।
चाय उत्पादक किसान योजना का लाभ के लिए बिहार सरकार उद्यान निदेशालय की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर उपलब्ध ‘चाय विकास योजना’ के ‘आवेदन करें’ लिंक पर क्लिक पर जाएं और जरूरी डीटेल भरकर आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए संबंधित जिला के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क किया जा सकते हैं।
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