इस विधि से धान की खेती करने पर राज्य सरकार देगी 4000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि, 18 अगस्त तक पूरा करें रजिस्ट्रेशन

हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई (DSR) करने वाले किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मदद देने का एलान किया है। इसके लिए राज्य के किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। लाभ लेने के लिए किसान 18 अगस्त 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। राज्य सरकार धान की सीधी बिजाई (DSR) को बढ़ावा देने के लिए ये प्रोत्साहन राशि दे रही है।



धान खरीफ सीजन की प्रमुख फसल है। इस समय पूरे देश में धान की बिजाई और रोपाई चल रही है। सभी राज्य सरकारें अपने अपने तरीक़े से धान की परंपरागत तरीके की खेती में अधिक पानी के खपत होने की वजह से धान की सीधी बिजाई यानी DSR विधि को बढ़ावा दे रहीं हैं। इसी क्रम में हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई (DSR) को राज्य में बढ़ावा देने के लिए किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मदद देने का एलान किया है। यह राशि डायरेक्ट किसानों के अकाउंट में ट्रांसफ़र की जाएगी। लेकिन ये उन्हीं किसानों को मिलेगा जिन्होंने इस वर्ष DSR विधि से धान के खेती की है। किसानों को इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार उसका वेरिफिकेशन करवाएगी कि वाकई आपने इस तकनीक से खेती की है या नहीं। अगर सच में आपने धान की खेती में DSR विधि को अपनाया है तो आपको 4000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सरकारी मदद सीधे बैंक खाते में पहुंच जाएगी।

DSR विधि से होती है पानी की बचत
राज्य सरकार ने दावा किया है कि DSR विधि से धान की बिजाई करने पर लगभग 20 प्रतिशत पानी की बचत होती है।किसानों द्वारा धान की खेती में पानी की बचत करवाने के लिए यह योजना चलाई जा रही है। भू-जल की बचत करने के लिए ही राज्य सरकार ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ नामक स्कीम भी चला रही है, जिसके तहत उन किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मदद दी जा रही है जो धान की खेती छोड़कर कम पानी की खपत वाली फसलें लगा रहे हैं। धान की खेती में पानी का बहुत अधिक खर्च होता है इसलिए यह योजना शुरू की गई है।
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हर‍ियाणा में भू-जल संकट
हर‍ियाणा में भू-जल संकट गहरा रहा है और इसका सबसे ज्यादा दोहन कृषि क्षेत्र में होता है, इसलिए पानी बचाने के लिए किसानों को तैयार किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ हरियाण में कुल 7287 गांव हैं, जिसमें से 3041 पानी की कमी से जूझ रहे हैं। जबकि 1948 गांव ऐसे हैं जिनमें गंभीर जल संकट है। इसल‍िए पानी बचाने के प्रयास में यह योजना शुरू की गई है।

बताया जा रहा है कि जिन किसानों ने धान की सीधी बिजाई की थी, लेकिन किन्ही कारणों से अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए थे, उनके लिए हरियाणा सरकार ने ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल दोबारा खोलने का फैसला लिया है। DSR विधि से खेती करना पानी बचाने के क्रम में एक अच्छा फैसला है, इसलिए ऐसे किसानों को एक मौका दिया गया है।राज्य में किसानों को DSR विधि से धान की खेती करने के बदले आर्थिक लाभ पाने का यह आखिरी मौका है। 
लाभ पाने के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट https://fasal.haryana.gov.in/ पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

देखें धान की खेती का ये तरीक़ा

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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