झारखंड में किसानों के 2 लाख रुपए तक के कृषि लोन माफ किए जाएंगे। 31 मार्च 2020 तक जिन किसानों ने 50 हजार से लेकर दो लाख तक का लोन लिया है, उसे ‘वन टाइम सेटलमेंट’ के जरिए माफ किया जाएगा। सरकार ने लोन माफी की घोषणा इस साल फरवरी में पेश किए गए बजट में ही की थी। और बुधवार ,7 अगस्त को इससे संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है।
झारखंड में बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में किसानों के 50 हजार रुपये से दो लाख रुपये तक के कर्ज माफी समेत 37 प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दी।
मीडिया से कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि बैठक में झारखंड कृषि कर्ज माफी योजना में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में किसानों के लिए लोन माफी योजना की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। झारखंड कृषि लोन माफी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक 4.73 लाख किसानों का 1,900.35 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया।
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वित्त वर्ष 2024-25 में 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। इसकी कट ऑफ डेट 31 मार्च 2020 रखी गई है।इस पर करीब 750 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। इसके साथ ही एक और फैसले में राज्य सरकार ने पारंपरिक ग्राम प्रधानों को दिए जाने वाले मानदेय को दोगुना करने का फैसला किया है। मानकी और परगनैत को 6,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। जबकि मुंडा और ग्राम प्रधान को 4,000 रुपये और बाकी पारंपरिक ग्राम प्रधानों को 2,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि पारंपरिक ग्राम प्रधानों के मानदेय में इजाफे की वजह से सरकार के खजाने पर हर साल 44.79 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
आपको बता दें कि झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इस फैसले को उस दिशा में बनाई गई एक रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
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पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।