अगर आप पशुपालन के जरिए कमाई करना चाहते हैं या पहले से ही क्षेत्र में काम कर रहे हैं तो ये खबर आपके बड़े काम की हो सकती है। देश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें तरह-तरह से मदद कर रहीं हैं। लेकिन इसके लिए आपको भी जागरूक बनना पड़ेगा। आपके पास सही जानकारी होनी चाहिए। देश के मौजूदा केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने राज्य सभा में डेयरी और मछली पालन सेक्टर के विकास के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के लिखित उत्तर में इन योजनाओं के बारे में बताया।
तो आइये इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं-
राष्ट्रीय गोकुल मिशन
राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत सरकार किसानों के लिए जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन करती है। इसमें प्रजनन शिविर, दूध उत्पादन प्रतियोगिता, बछड़े की देख भाल कैसे करें और किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। इसके तहत किसानों को प्रजनन की नवीनतम तकनीकें उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिनमें सेक्स सेग्रेगेटेड सीमेन के साथ कृत्रिम गर्भाधान (AI), बोवाइन इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) और जीनोमिक चयन भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन
इस योजना का उद्देश्य इनोवेशन और एक्सपेंशन है। इसके माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सेमिनार, कार्यशालाएं, प्रशिक्षण व पशुपालन से संबंधित किसानों/समूहों, प्रजनक संघों का क्षमता निर्माण, पशुपालन से जुडी हुई प्रचार गतिविधियों, कृषि उपज उत्पादकों हेतु खेत संबंधी विद्यालयों के संचालन, किसानों के कई भ्रमण कार्यक्रम, प्रदर्शन गतिविधियों, सोशल मीडिया और ऑडियो विज़ुअल सहायता के माध्यम से जागरुकता पैदा करने आदि के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना के अंतर्गत भेड़, बकरी और सूकरों जैसे पशुओं में आर्टिफीसियल इंसेमिनेशन की नवीनतम तकनीक को बढ़ावा दिया जाता है।
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम
इसका इम्प्लीमेंटेशन सहकारी डेयरी क्षेत्र में दूध एवं दूध उत्पादों की खरीद, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिए डेयरी अवसंरचना सृजित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
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राज्य डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों को सहायता
इस योजना के तहत डेयरी सहकारी समितियों और डेयरी कार्य में लगे हुए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 से कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज अनुदान के रूप में एकमुश्त सहायता शुरू की गई है।
पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम
इसका इम्प्लीमेंटेशन खुरपका-मुंहपका और ब्रुसेलोसिस जैसी पशु बीमारियों के नियंत्रण के लिए सहायता प्रदान करने तथा पशुधन के अन्य संक्रामक रोगों पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य के साथ राज्य सरकारों को सहायता प्रदान करने के लक्ष्य के साथ किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों के घर-द्वार पर गुणवत्तापूर्ण पशुधन स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए सचल पशु चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जाती हैं। जागरूकता पैदा करने और प्रचार-प्रसार के लिए भी योजना के तहत सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF)
इसके तहत पशुपालन एवं डेयरी विभाग डेयरी प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन अवसंरचना, मांस प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन सुविधाएं, चारा विनिर्माण, वैक्सीन तथा अन्य दवा उत्पादन इकाइयां, पशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन, नस्ल सुधार प्रौद्योगिकी और नस्ल गुणन फार्मों की स्थापना में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 15000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं ।
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किसान क्रेडिट कार्ड
सरकार ने पहली बार पशुपालन किसानों और मत्स्य पालकों को उनकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा प्रदान की है। जिसमें किसान चाहे व्यक्तिगत हों या संयुक्त उधारकर्ता अथवा संयुक्त देयता समूह या फिर स्वयं सहायता समूह, वे सभी इस योजना के तहत प्रोत्साहन पाने के लिए पात्र हैं और विशेष बात यह है कि इसमें स्वामित्व वाले/किराए पर/पट्टे पर शेड रखने वाले काश्तकार भी शामिल किये गए हैं।
ए-हेल्प
किसानों में जागरूकता पैदा करने के लिए विभाग ने “ए हेल्प” (पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य एवं उनकी संख्या बढ़ाने के लिए मान्यता प्राप्त एजेंट) को शामिल किया है। ए-हेल्प स्थानीय पशुधन संसाधन व्यक्ति और पशुपालकों तथा पशु चिकित्सा सेवा प्रदाताओं के बीच संपर्क बिंदु के रूप में कार्य कर रहा है। इसके अलावा, विभाग द्वारा किसानों के घर-घर जाकर कृत्रिम गर्भाधान सेवा देने के लिए मैत्री (ग्रामीण भारत में बहुउद्देशीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन) को शामिल किया जा रहा है। मैत्री पशुओं के टीकाकरण, प्राथमिक उपचार, पशु पोषण सलाह और किसान जागरुकता का कार्य भी संभाल रहे हैं।
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ये देखें –
पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।