बजट 2024: कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को तीसरी नरेंद्र मोदी सरकार के पहले बजट में खेती और उससे संबेधित क्षेत्रों के लिए ₹1.52 लाख करोड़ आवंटित किए। हालांकि बजट में उर्वरक और खाद्य सब्सिडी में कटौती की गई है। किसान और किसान संगठन सरकार के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं।
सीतारमण ने घोषणा की कि केंद्र उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की समीक्षा करेगा। मंत्री ने कहा, “किसानों के लिए खेती के 32 और बागवानी फसलों की 109 नई उच्च उपज वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।”
उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में देश भर में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में शामिल किया जाएगा। दलहन और तिलहन उत्पादन को मजबूत किया जाएगा और प्रमुख उपभोग केंद्रों के करीब सब्जी उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
सीतारमण ने कहा, “हम सब्जी की आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान-उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देंगे, जिसमें संग्रहण, भंडारण और विपणन शामिल है।”
‘गरीबों के कल्याण के लिए’
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बजट देश के विकास और गरीबों के कल्याण के लिए है। कृषि और किसान कल्याण विभाग के लिए कुल आवंटन ₹1,22,528.77 करोड़ है। पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) के संशोधित अनुमान में यह राशि ₹1,16,788.96 करोड़ थी। इसमें नमो ड्रोन दीदी योजना के लिए ₹500 करोड़ का आवंटन शामिल है।
आवंटन का बड़ा हिस्सा पीएम किसान निधि के लिए है। कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग के लिए 9,941.09 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पिछले वित्त वर्ष के संशोधित बजट में यह 9,876.60 करोड़ रुपए था। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के लिए कुल आवंटन 7,137.68 करोड़ रुपए है। पिछले संशोधित अनुमान में यह 5,614.93 करोड़ रुपए था।
सब्सिडी की कटौती पर चिंता
उर्वरक विभाग के लिए आवंटन 1,64,150.81 करोड़ रुपए है। 2023-24 में संशोधित अनुमान में यह राशि 1,88,947.29 रुपए थी और 2022-23 में वास्तविक व्यय 2,51,369.18 करोड़ रुपए था।
किसान संगठनों ने इस कटौती पर चिंता व्यक्त की और उर्वरकों के लिए आवंटन में लगभग 34.7% की “भारी गिरावट” की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि 2022-23 के वास्तविक आंकड़ों की तुलना में यह ₹87,238 करोड़ की कमी है। भारतीय किसान यूनियन के नेता धमेंद्र मलिक ने कहा, “इससे कृषि उत्पादकता पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा।”
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में रहने वाले युवा किसान विवके पांडेय उर्वरकों की सब्सिडी में कटौती पर नाराजगह व्यक्त करते हुए कहते हैं, “सरकार को सब्सिडी और बढ़ानी चाहिए थी। इससे इनपुट कॉस्ट में कटौती आती और खेती और लाभदायक हो सकती थी।”
खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के आवंटन में भी ₹2,13,019.75 करोड़ की कमी देखी गई। पिछले संशोधित अनुमानों में यह राशि ₹2,21,924.64 करोड़ थी और 2022-23 में वास्तविक व्यय ₹2,83744.53 करोड़ था।
आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बजट में मूल्य स्थिरीकरण कोष को ₹10,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं। पिछले संशोधित अनुमानों में आवंटन मात्र ₹10 लाख था। हालांकि बजट में सहकारी समितियों और एफपीओ के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सुधार का वादा किया गया है। लेकिन कृषि सहयोग पर एकीकृत योजना के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया है। 2023-24 के संशोधित बजट में इस योजना को 300 करोड़ रुपए मिले थे।