उत्तर प्रदेश में कृषि यंत्रों पर मिल रहा है भारी छूट, और खबरें भी पढ़ें

दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।

1.केंद्र सरकार के तय लक्ष्‍य से मंड‍ियों में गेहूं की खरीद कम हुई।

क‍िसानों से गेहूं की खरीद 30 जून से बंद हो गई। भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने एक अप्रैल से देशभर की मंड‍ियों में खरीद शुरू की थी। इन तीन महीनों के दौरान भारतीय खाद्य निगम ने 26.6 मिलियन टन की खरीद की। लेकिन ये केंद्र सरकार के टारगेट 37.3 मिलियन टन को पूरा नहीं कर पाया। माना जा रहा क‍ि न‍िजी व्‍यापार‍ियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,275/क्विंटल से अधिक पर खरीद की इसल‍िए मंड‍ियों में गेहूं की आवक कम हो गई।
आपको बता दें कि केंद्र ने 2022-23 में 18.79 म‍िल‍ियन टन और 2023-24 में 26.2 म‍िल‍ियन टन की खरीद की थी। 2021-22 में खरीद रिकॉर्ड 43.34 म‍िल‍ियन थी।


2.उत्तर प्रदेश में कृषि यंत्रों पर मिल रहा है भारी छूट, सरकार की तरफ़ से  50-80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेज्ड्यू, (CRM) योजना के तहत फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों पर किसानों को सब्सिडी दे रही है। इसके तहत किसान दो जुलाई यानी आज से 16 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत निर्धारित यंत्रों में से किसान एक या एक से अधिक प्रकार के यंत्र ले सकते हैं। राज्य सरकार फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्रों पर अधिकतम 50 फीसदी और कस्टम हायरिंग सेंटर पर अधिकतम 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है।



3.बिहार सरकार खरीफ अरहर प्रोत्साहन कार्यक्रम 2024-25 के तहत अरहर की खेती को बढ़ावा दे रही है।बिहार में किसानों को अरहर फसल प्रत्यक्षण स्कीम के तहत 3,600 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी दी जाएगी।

बिहार राज्य के सभी 38 जिलों के किसान इस सब्सिडी का फायदा ले सकते हैं।योजना का कार्यान्वयन क्लस्टर में किया जाएगा और एक क्लस्टर 25 एकड़ का होगा। प्रत्येक लाभार्थी को प्रत्यक्षण और बीज वितरण के लिए न्यूनतम एक एकड़ और अधिकतम 2 एकड़ का फायदा दिया जाएगा।
अरहर बीज वितरण स्कीम के तहत 2,500 रुपये प्रति क्विंटल प्रमाणित अरहर बीज का वितरण किया जा रहा है।

प्रमाणित बीज उत्पादन प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत 5,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कुल 2980 क्विंटल अरहर का प्रमाणित बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।


और अब किसानों से लिए सबसे उपयोगी मौसम की जानाकरी

4.मौसम अपडेट
IMD ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए, अगले 2 दिनों तक विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश का अनुमान जताया है।  पूर्वी उत्तर प्रदेश में 03 जुलाई तक अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
इसके अलावा मौसम विभाग ने हरियाणा, चंडीगढ़ एवं दिल्ली में 03 जुलाई, तक अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान जताया है।

और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली

5.भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की 60 फीसदी आबादी गांव में निवास करती है। गांव में कमाई का सबसे बड़ा जरिया  खेती होती है।केंद्र सरकार की किसानों के लिये पाँच महत्वपूर्ण योजनाएँ।

1.प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना किसानों के लिये है जिससे किसानों को फसलों के नुकसान पर आर्थिक मदद दी जाती है। फसलों को आपदा से नुकसान, कीट लगने या सूखा पड़ने पर बीमा योजना के तहत वित्तीय सहायता दी जाती है।

2.प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
इस योजना के तहत किसानों को जल प्रबंधन के लिए उचित संसाधन मुहैया कराया जाता है।इसकेतहत किसान अपने खेतों में वॉटर स्प्रिंकलर, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम सहित अन्य सिंचाई के उपकरण लगवा सकते हैं।

3.परंपरागत कृषि विकास योजना(PKVY)
जैविक उत्पादन की प्रक्रिया, प्रमाणीकरण, लेवलिंग, पैकेजिंग और परिवहन के लिए केंद्र सरकार की यह योजना चलाई जा रही है। जिसके तहत परंपरागत कृषि को बढ़ावा दिया जाता है। इसके तहत सरकार किसानों को 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

4.किसान क्रेडिट कार्ड
इस योजना के तहत किसानों को सरकार खेती बाड़ी करने के लिए आर्थिक मदद देती है। कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए किसान आसानी से लोन ले सकते हैं और इस पर काफी कम या न के बराबर ब्याज देना होता है।

5.प्रधानमंत्रीकिसानसम्‍माननिधियोजना 
इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिया जाता है।यह देश के हर एक किसान के लिये है। इसके तहत 6 हजार रुपए की राशि तीन किस्‍त में दी जाती है, जो 4 महीने के अंतराल पर दी जाती है।



खेती किसानी की रोचक जानकारी और जरुरी मुद्दों, नई तकनीक, नई मशीनों की जानकारी के लिए देखते रहिए न्यूज पोटली।

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