गेहूं की बढ़ती कीमतों पर समीक्षा के लिये मंत्रियों की समिति की बैठक, दिनभर की और ज़रूरी खबरें भी पढ़ें

दिनभर की खेती किसानी से जुड़ी खबरों की न्यूज पोटली में आपका स्वागत है। चलिए देखते हैं आज की पोटली में किसानों के लिए क्या क्या नया है।

1.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ केंद्र सरकार गेहूं की बढ़ती कीमतों को स्थिर करने की दिशा में काम कर रही है।

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक़ सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह देश में उपभोक्ताओं के लिए गेहूं की कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेप करेगी। गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों की समिति की बैठक के बाद सरकार ने कहा कि उसने अधिकारियों को गेहूं की कीमतों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले गेहूं और आटे की कीमतों में 2 रुपये प्रति किलोग्राम तक की बढ़ोतरी हुई है।

आंकड़ों से पता चलता है कि 20 जून तक, गेहूं की औसत खुदरा कीमत 30.99 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले 28.95 रुपये थी, जबकि गेहूं के आटे की कीमत पिछले साल के 34.29 रुपये प्रति किलोग्राम के मुकाबले बढ़कर 36.13 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।


2.उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग की मदद से गांवों में आय बढ़ाने और रोजगार पैदा करने के लिए अहम फैसला लिया है।

इसके लिये प्रदेश सरकार राज्य के कृषि कमोडिटी स्टार्टअप्स को केंद्र सरकार की ओर से प्रमोट किए जाने वाले ईकॉमर्स प्लेटफार्म्स से जोड़ेगी। इनमें ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) और नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (e-NAM) जैसे प्लेटफॉर्म्स शामिल हैं।

राज्य सरकार ने कृषि विभाग को निर्देश दिया है कि वह फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन्स (FPOs) को ओएनडीसी और ईएनएएम के साथ एक डेडिकेटेड फार्मर प्रोड्यूसर सेल के माध्यम से जोड़े, जिसका गठन जल्द ही किया जा सकता है।
इसका उद्देश्य ग्रामीण आय में बढ़ोतरी करना और रोजगार पैदा करना है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के तहत प्रदेश में लगभग 3,240 FPO ऑपरेट हो रहे हैं।

3.बिहार सरकार राज्य के किसानों को फसलों के सिंचाई के लिये नलकूप और बोरिंग पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है।इस सब्सिडी का लाभ सिर्फ वही किसान ले पायेंगे जो किसान अपने खेत में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगावाएंगे।

ड्रिप इरिगेशन सिस्टम या टपक सिंचाई प्रणाली ऐसी प्रणाली है जिसमें बहुत कम पानी में अच्छी फसल उगाई जा सकती है। इस पद्धति से 75 फीसदी तक पानी की बचत होती है। इस तकनीक से पानी की हर एक बूंद का इस्तेमाल होता है।
इसी क्रम में बिहार सरकार किसानों को अपने खेत में निजी नलकूप लगाने पर 50 फीसदी का अनुदान दे रही है। जबकि बोरिंग और मोटर लगाने पर भी 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है।
आपको बता दें कि बोरिंग और मोटर लगाने में लगभग 80 हजार रुपये का खर्च आता है। इसमें लगभग 40 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है। हालांकि सब्सिडी का लाभ सिर्फ उन किसानों को ही दिया जाएगा जो किसान अपने खेत में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगावाएंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप इरिगेशन या मिनी स्प्रिंकलर प्रणाली लगवाने पर किसानों को 80 फीसदी तक अनुदान दिया जाता है।


और अब किसानों से लिए सबसे उपयोगी मौसम की जानाकरी

4.मौसम अपडेट :
उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के बाद आंधी और बारिश से लोगों को राहत मिली है। गुरुवार को ज्यादातर हिस्सों में दिन का तापमान 40 डिग्री से नीचे चला गया। न्यूनतम तापमान भी 30 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने घोषणा की है कि मॉनसून बिहार पहुंच गया है। सब कुछ ठीक रहा तो अगले दो से तीन दिन में यह उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर जाएगा।

IMD ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि अगले 5 दिनों के दौरान केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. अगले 2 दिनों के दौरान उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और असम मेघालय में भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है। उसके बाद अलगअलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है
आईएमडी के मुताबिक शनिवार और रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बादल छाए रहेंगे, जिससे दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।

और आखिर में न्यूज पोटली की ज्ञान पोटली

5.अगर आप मछली पालन का बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं, तो इन बातों का ज़रूर ध्यान रखें ।


तालाब में मछलियों के बीज डालने से 15 दिन पहले ही खाद डालें इससे मछलियों के बीजों का विकास तेजी से होता है।

किसान तालाब में कार्बनिक उर्वरक में गोबर की खाद और मुर्गी की बीट डाल सकते हैं।

रासायनिक उर्वरक के रूप में किसान यूरिया, सिंगल सुपर फासफेट और म्यूरेट ऑफ पोटाश का भी तालाब में छिड़काव कर सकते है।इससे मछलियां का विकास तेजी से होता है। साथ ही उनका वजन भी बढ़ाने में ये खाद सहायत होती हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक़ एक्सपर्ट की माने तो अगर 1 हेक्टेयर में तालाब बना हुआ है, तो किसान 200 किलोग्राम यूरिया, 250 किलोग्राम एसएसपी और 40 किलोग्राम न्यूरेट ऑफ पोटाश का मिश्रण बना लें। इसके बाद इस मिश्रण का एक साल तक 10 समान मासिक किस्तो में तालाब में डालें।

कार्बनिक और रासायनिकों उर्वरकों के बीच 15 दिन का अंतराल रखें। यानी 15 दिन के अंतर पर तालाबों में इन उर्वरकों का छिड़काव करें। इससे बंपर मछली का उत्पादन होगा और आपकी कमाई भी बढ़ जाएगी।


खेती किसानी की रोचक जानकारी और जरुरी मुद्दों, नई तकनीक, नई मशीनों की जानकारी के लिए देखते रहिए न्यूज पोटली।

Pooja Rai

पूजा राय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से पढ़ाई की है।
Lallantop में Internship करने के बाद NewsPotli के लिए कृषि और ग्रामीण भारत से जुड़ी खबरें लिखती हैं।

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