केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 100 दिवसीय कार्ययोजना पर चर्चा की जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को मजबूत करना और किसानों के बीच संकट को कम करना है। बैठक में कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर और भागीरथ चौधरी, कृषि सचिव मनोज आहूजा और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। चौहान ने देश भर में कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए किसानों तक गुणवत्तापूर्ण जानकारी पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कार्ययोजना का उद्देश्य न केवल कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है, बल्कि इस क्षेत्र से निर्यात की गुणवत्ता को भी बढ़ाना है। मंत्री ने फसल की पैदावार बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए किसानों तक उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और अन्य आवश्यक जानकारी पहुंचाने के महत्व पर जोर दिया।
अनिश्चित मानसून, कीटों के हमलों और बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव के प्रभाव से कृषि क्षेत्र के जूझने के साथ केंद्र की 100-दिवसीय कार्ययोजना को किसानों के लिए एक जरूरी कदम बताया जा रहा। आने वाले दिनों में किसानों के लिए कई कार्ययोजना लागू होने की उम्मीद है।
शिवराज के कार्यकाल में मध्य प्रदेश के किसानों को कई बार गेहूं खरीद पर एमएसपी के अतिरिक्त बोनस भी दिए गए, जिससे खेती में मुनाफा बढ़ा, राज्य की आय बढ़ी और किसानों के जीवन स्तर में सुधार हुआ। रिपोर्ट बताती है कि शिवराज के कार्यकाल में गेहूं समेत कई कृषि उपज में भारी वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सालाना छह हजार रुपये दिए जा रहे हैं। लेकिन शिवराज सरकार ने इसमें अपनी तरफ से छह हजार रुपये बढ़ा दिए। ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि उनके कार्यकाल के दौरान देश के किसानों के लिए भी कई प्रभावी फैसले लिए जा सकते हैं।