लखनऊ। लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग की ओर से राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी की अध्यक्षता योगी सरकार के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने की। विभाग द्वारा आयोजित गोष्ठी में प्रदेश सरकार के कई मंत्री, अपर मुख्य सचिव, प्रदेश के सभी जिलों के कृषि अधिकारियों व किसानों ने हिस्सा लिया।
आज यानि 12 जून को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में प्रदेश के सभी जिलों के किसान व कृषि अधिकारी मौजूद रहे। इस मौके पर कृषि मंत्री ने कहा इस बार औसत उत्पादकता का लक्ष्य 46 कुंतल प्रति हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। खेती की लागत तभी कम होगी जब उत्पादन बढेंगा।किसान को खाद के लिए इंतजार ना इंतजार करना पड़े इसके लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। मिट्टी की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए किसान ढैंचे की बुवाई करें। अब तक 7 हजार कुंतल ढैंचे के बीजों की बिक्री की गई है। किसान को उत्पादन बढ़ाने के लिए तकनीकि रुप से खेती करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा गन्ना किसानों को ट्रेंच विधि से गन्ने की खेती करनी चाहिए इससे उत्पादन अच्छा होता है व गन्ने की बीच वाली लाइन में सहफसली भी की जा सकती है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न जिलों से आये किसानों की समस्याएं भी सुनी।
अपर मुख्य सचिव ने मक्का बुवाई के लिए प्रेरित किया
प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा मौसम विभाग के मुताबिक इसबार बारिश अच्छी होगी। अगर बारिश अच्छी होगी तो खरीफ फसलों का उत्पादन भी अच्छा होगा। सरकार के पास 32 लाख टन यूरिया उपलब्ध है, इसके अलावा डीएपी व एनपीके भी है। उन्होंने फार्मर रजिस्ट्री के बारे में बताते हुए कहा कि यह पूरे प्रदेश में शुरू हो रहा है। इसके तहत किसानों का मास्टर डेटा तैयार किया जाएगा। किसान सम्नानिधि का लाभ लेने वाले किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री में नाम होना जरूरी होगा।
उन्होंने किसानों को खरीफ के सीजन में मक्के की बुवाई करने का आह्वन किया और किसानों को इसबात का आश्वासन दिया कि प्रदेश में कि प्रदेश में डिस्टलरी निवेश कर रही हैं। वे किसानों से एमएसपी या फिर इससे अधिक दामों पर मक्का खरीदेंगी।
अपर मुख्य सचिव ने आगे कहा कि किसान साठा धान ना लगाए उसकी जगह दूसरी फसल लगाएं। Dsr विधि से धान की बुवाई करें, इससे उत्पादन अच्छा होगा और पानी की बचत होती।
किसानों को 2 लाख 56 हजार करोड़ रुपए का भुगतान
किसानों को सम्बोधित करते हुए गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा प्रदेश कि गन्ना किसानों को अबतक 2 लाख 56 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है जबकि 4000 करोड़ रुपये बकाया है। किसानों का बकाया भुगतान मिल चालू होने से पहले कर दिया जायेगा।
देवरिया के किसान संजय सिंह ने कहा मेरी खेती से आमदनी दोगुनी नही चार गुनी पांच गुनी हो गई है। मैं मुर्गिफार्म के वेस्ट से खेती करता हूं। उससे मुझे काफी अच्छा उत्पादन मिल रहा है। मैं अभी खेती से पूरा परिवार चलता हूं। मैने 400 से अधिक पेड़ कटकल के लगाए हैं। इस सीजन मैनें हरी प्याज बेचकर 5 लाख रुपये कमाएं हैं।
IISR के वैज्ञानिक ने बताया गन्ना किसान करें सहफसली
कृषि विभाग द्वारा आयोजित गोष्ठी में भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ वी के सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा किसानों को गन्ने की बुवाई करने से पहले मिट्टी की जांच करवानी चाहिए व बीजों का उपचार करना चाहिए। गन्ने की फसल में सहफसली भी करनी चाहिए। सहफसली में मसूर,उड़द,मूंग की बुवाई करें। किसानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि फूल आने पर गन्ने में पानी ना लगाएं।