लखनऊ। पान का नाम सुनते ही मन में सबसे पहले बनारसी पान का ख्याल आता है। बनारस का पान (betel leaf) ऐसा है कि इस पर न जाने कितने गाने भी बन चुके हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी बनारसी पान की खेती होती है।
“लखनऊ में पैदा होने वाला पान देसी होता है इसके पत्ते काफी मुलायम होते हैं। पत्तियां कोमल होने के कारण पूर्वांचल के लोग यहां के पान को काफी पसंद करते हैं। यहां का पान बनारस जाता है। वहां का पान यहां आता है।” लखनऊ से 25 किमी दूर जौखंडी गांव में पान की खेती करने वाले किसान जितेंद्र चौरसिया हाथ में पान का पत्ता दिखाते हुए बताते हैं।
जितेंद्र के मुताबिक लखनऊ के लोगों को कड़ा पान पसन्द है जिसको मुंह में रखते ही कड़कड़ाहट की आवाज आती है। लेकिन हमारे खेत का पान मुलायम होता है जो पूर्वांचल में ही बिकता है। हमारा पान लखनऊ और इसके आसपास के क्षेत्रों में नहीं बिकता है। हम बेचने के लिए बनारस की मंडी जाते हैं। इसस सीजन उन्होंने आठ बिस्वा क्षेत्रफल में पान की फसल लगाई है। फरवरी के महीने में पौधे लगाये थे। पौधे एक से डेढ़ फीट के हो गए हैं। उनके खेत में थोड़ा बहुत पान निकलने लगा है, जैसे बारिश होगी मौसम अच्छा होगा पान अधिक मात्रा में निकलने लगेगा। फिर वे इसकी 6 महीने तक तुड़ाई करेंगे।
1.5 लाख से 2 लाख आई लागत
जितेंद्र के मुताबिक उनकी 8 बिस्वा फसल को लगाने में 1.5 लाख से 2 लाख के बीच खर्च आया है। वे सेंठा, बांस व पान के पौधे सबकुछ बाहर से लाये हैं। पान के पौधे वे मध्य प्रदेश से लाये हैं जबकि सेंठा व बांस लखनऊ से 80 किमी दूर उन्नाव से लाये हैं। पान के पत्तों को ठंड के मौसम में पाले से सबसे ज्यादा नुकसान होता है। पाले से पत्तियां गल जाती हैं। गर्मियों के मौसम में तापमान बढ़ने से पत्तियां झुलस जाती हैं। गर्मी के दिनों में दिन में दो बार पानी लगाया जाता है जबकि जाड़े के मौसम में दिन में एक बार पानी लगाया जाता है। देसी पान की सबसे बड़ी मंडी बनारस है। देसी पान की खेती करने वाले किसान अपना पान बेचने बनारस की मंडी आते हैं। मंडी में मघई, देशी पान, बंगाली पान समेत अन्य कई किस्मों के पान बिकते हैं।
पान की खेती मुख्य रूप से असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, ओडिशा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में होती है। पश्चिम बंगाल सबसे बड़ा पान उत्पादक राज्य है। वहीं उत्तर प्रदेश में लगभग 265 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 21000 मीट्रिक टन पान की खेती होती है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा APEDA) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने वर्ष 2022-2023 में लगभग 3440 मीट्रिक टन पान का निर्यात किया था जिसकी कीमत 49.68 करोड़ रुपए थी। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के 2020-2021 के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 33820 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 8.5 लाख मीट्रिक टन पान का उत्पादन हुआ था।